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गणतंत्र दिवस समारोह नहीं मनाने पर बीआरएस सरकार की आलोचना

हैदराबाद: भारतीय जनता पार्टी की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष बंदी संजय कुमार ने बुधवार को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार की ओर से सिकंदराबाद के परेड मैदान में गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित नहीं करने के फैसले की कड़ी आलोचना की।

श्री संजय ने एक बयान में सरकार के फैसले को अलोकतांत्रिक और संविधान की भावना के खिलाफ बताते हुए कहा कि यह संविधान निर्माता डॉ बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान करने जैसा है। उन्होंने कहा कि यह राज्यपाल के संवैधानिक अधिकारों को कम करने की स्पष्ट साजिश रची जा रही है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि केसीआर सरकार बजट सत्र की शुरूआत से पहले राज्य विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के अवसर से वंचित करके उस प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रही है जिसके राज्यपाल हकदार हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री केसीआर के मन में महिलाओं के प्रति घोर तिरस्कार है, इसलिए वह बार-बार महिला राज्यपाल का अपमान कर रहे हैं। भाजपा सांसद ने कहा कि लोगों को यह समझना चाहिए कि जो मुख्यमंत्री राज्य के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन एक महिला का सम्मान नहीं कर सकते हैं वह महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण कैसे लागू करेंगे।

श्री कुमार ने दावा किया कि लोग सरकार की खिल्ली उड़ा रहे हैं क्योंकि वह कोरोना महामारी का बहाना बनाकर गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन नहीं कर रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह का उद्देशय यह संदेश देना है कि हम एक लोकतांत्रिक देश के नागरिक हैं न कि राजशाही या वंशवादी शासन के लेकिन केसीआर, जो एक राजा की तरह राज्य पर शासन कर रहे हैं, भारतीय संविधान की महानता के बारे में जानकारी प्राप्त करने से लोगों को वंचित करने की साजिश रच रहे हैं।

उन्होंने आलोचना करते हुए कहा, श्री राव लोकतंत्र और संविधान में विश्वास नहीं करते हैं। वह राज्य में केवल कल्वाकुंतला (मुख्यमंत्री का उपनाम) संविधान को लागू करना चाहते हैं। इसलिए वह राज्यपाल के पद को खत्म करने और संविधान का पुनर्लेखन करने की वकालत कर रहे हैं।

उन्होंने पाया कि केसीआर बार-बार राज्यपाल का अपमान करने के दोषी हैं और इतना ही नहीं, उन्होंने दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी राज्यपाल के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए भी कहा है। श्री संजय ने लोगों से कल्वाकुंतला संविधान से सावधान रहने के लिए कहा जो पूरे देश के लिए खतरनाक है और लोगों से कहा कि वे डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा तैयार किए गए सच्चे संविधान की भावना को बनाए रखने के लिए संघर्ष करें।

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