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बंगाल में मालदा के स्कूल पर बवाल
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शिक्षा पर्षद ने कहा जांच हो रही है
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स्कूल के प्राचार्य ने कहा फालतू बहस
राष्ट्रीय खबर
कोलकाताः बंगाल में फिर से राजनीतिक बवाल प्रारंभ हो गया है। पश्चिम बंगाल भाजपा को नये सिरे से ममता बनर्जी पर हमला करने का यह अवसर मालदा के एक स्कूल के प्रश्न पत्र ने प्रदान किया है। गनीमत है कि जिस स्कूल के प्रश्न पत्र को लेकर विवाद हो रहा है वह रामकृष्ण मिशन द्वारा संचालित विद्यालय है।
इस स्कूल में माध्यमिक का टेस्ट चल रहा था। इसी आंतरिक परीक्षा के प्रश्न पत्र में परीक्षार्थियों को मानचित्र में आजाद कश्मीर को रेखांकित करने को कहा गया है। मामला चर्चा में आते ही भाजपा नेता सक्रिय हो गये हैं। प्रदेश के नेताओं के साथ साथ केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने भी इस पर बयान जारी कर विवाद को और बढ़ा दिया है। वैसे कांग्रेस ने भी इस किस्म के प्रश्नपत्र पर आपत्ति जतायी है।
केंद्रीय मंत्री का बयान आने के बाद माध्यमिक शिक्षा पर्षद ने बयान दिया है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। इसके लिए जो लोग जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस प्रश्न पत्र की गलती को सुधारने का भी वादा किया गया है। इन तमाम विवादों के बीच मालदा के रामकृष्ण मिशन विवेकानंद विद्यामंदिर के प्रधानाध्यापक ने इसे फालतू की बहस बताया है।
केंद्रीय मंत्री श्री सरकार ने आरोप लगाया कि इसके पीछे देश तोड़ने वाली शक्तियों का हाथ हो सकता है। ऐसे लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई किये जाने की जरूरत है। उन्होंने इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी अलग से पत्र भेजा है। भाजपा के सांसद तथा पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने इस बहाने ममता सरकार को निशाने पर लिया है। उनका आरोप है कि ममता बनर्जी की सरकार अलगाव वादियों की समर्थक है।
वरना कोई भी सरकार पाक अधिकृत कश्मीर को आजाद कश्मीर कैसे बता सकती है। इस विषय पर कांग्रेस के नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि शिक्षकों को ऐसे मामलों में सावधानी बरतनी चाहिए। कश्मीर का यह इलाका पाकिस्तान के नियंत्रण में क्यों हैं, यह सभी की जानकारी में है।
इसलिए स्कूलों को ऐसे विषयों से बचना चाहिए। इस बीच माध्यमिक पर्षद के अध्यक्ष रामानुज गंगोपाध्याय ने कहा कि उस स्कूल के इतिहास के शिक्षक ने यह प्रश्न तैयार नहीं किया था। इसलिए किसने यह प्रश्न पत्र सेट किया था, उसकी खोज खबर ली जा रही है।
इस बीच मालदा के इस स्कूल के प्रधानाध्यापक स्वामी तर्पहरानंद ने पूरी बहस को ही खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमलोग स्वामी विवेकानंद के आदर्श पर चलते हैं। प्रश्नपत्र के जरिए इतिहास का एक मुद्दा रखा गया है। इसके जरिए छात्रों के मन में कोई नकारात्मकता लाने की बात बेबुनियाद है। उनके मुताबिक रामकृष्ण मिशन द्वारा संचालित स्कूल राष्ट्रप्रेम के बारे में स्वामी विवेकानंद की सोच को ही अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का काम करते हैं। इसलिए इस पर बहस बेकार की चीज है।