राहुल गांधी देश की राजधानी दिल्ली में भी टी शर्ट पहने नजर आये हैं। यह दृश्य तब दिखा है जब दिल्ली का तापमान अनेक पहाड़ी पर्यटन केंद्रों से भी कम हो गया था। भारत जोड़ो यात्रा की जब शुरुआत हुई थी तो भाजपा ने उनके इसी टी शर्ट पर सवाल उठाया था पर वह कार्रवाई उल्टी पड़ गयी थी और लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के मफलर के साथ साथ मोदी के चर्चित सूट की चर्चा कर दी थी। उसके बाद से दोबारा भाजपा की तरफ से टी शर्ट का मुद्दा नहीं उठाया गया।
अब दिल्ली के कड़ाके की ठंड में भी देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने गये राहुल को फिर से टी शर्ट में देखकर लोग हैरान हो गये। पहले यह समझा गया था कि हर रोज इतनी दूरी तय करने की वजह से एक खास समय के बाद शरीर वैसे ही गर्म हो जाता है।
इस बार यह दलील भी काम नहीं आयी क्योंकि अभी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में विश्राम के दिन चल रहे हैं। उसके बाद यह यात्रा फिर से पश्चिमी उत्तरप्रदेश होते हुए अपने रास्ते पर श्रीनगर की तरफ आगे बढ़ जाएगी। नईदिल्ली में महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और अटल बिहारी बाजपेयी की समाधि पर टी शर्ट पहनकर पहुंचे राहुल गांधी ने नये सिरे से टी शर्ट पहनने का सवाल खुद ही खड़ा कर दिया।
इससे पहले भी पत्रकारों ने उनसे इस बात पर सवाल पूछा था तो देश की असलियत का उल्लेख कर राहुल ने उन्हें सामाजिक उत्तर दिया था। दिल्ली की ठंड में जब लोग गर्म कपड़े पहनकर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं, राहुल क्यों टी शर्ट में हैं, एक स्वाभाविक सवाल बनकर उभरा है। इस बार भाजपा ने सिर्फ अटल बिहारी बाजपेयी की समाधि पर उनके जाने पऱ एतराज जताया है।
गनीमत है कि भाजपा ने यह सवाल नहीं पूछा कि इतनी ठंड में भी वह इतनी महंगी टी शर्ट क्यों पहने हुए हैं। पत्रकारों के सवाल के उत्तर में राहुल गांधी ने प्रति प्रश्न किया था कि आपलोग मुझसे यह सवाल पूछते हैं लेकिन देश के किसान, मजदूर और गरीबों से यह सवाल क्यों नहीं करते। कभी सोचा है कि वह कैसे इस ठंड में गुजारा कर रहे हैं।
ठंड के सवाल पर राहुल गांधी नाराज भी हुए थे और कहा था कि ऐसे बेतूके सवाल के बदले देश की ज्वलंत परिस्थितियों पर प्रश्न पूछे जाने चाहिए। भारत जोड़ो यात्रा के प्रारंभ से ही राहुल ऐसे टी शर्ट में नजर आते रहे हैं। जब यह यात्रा दक्षिण भारतीय राज्यों में थी तो वहां के मौसम और तापमान के हिसाब से यह सही था। मध्यप्रदेश और राजस्थान आते आते मौसम बदल चुका था और ठंड के मौसम में भी राहुल उसी टी शर्ट पर नजर आये थे।
यह स्थिति तब थी जबकि राहुल के साथ चलने वाले दूसरे लोग गर्म कपड़े पहनकर अपनी यात्रा प्रारंभ करते थे और थोड़ी दूर चलने के बाद यह गर्म कपड़े उतरते चले जाते थे, जो एक स्वाभाविक प्रक्रिया थी। इसलिए सवाल प्रासंगिक है कि आखिर राहुल गांधी टी शर्ट पहनकर ठंड में कैसे चल रहे हैं।
इस सवाल का उत्तर विज्ञान में मौजूद है। विज्ञान कहता है कि कई लोगों को ठंड सहने की अतिरिक्त क्षमता होती है। इसके अलावा नियमित अभ्यास से भी इस क्षमता का और विकास किया जा सकता है। हिमालय की पहाड़ियों में रहने वाले साधु संत भी बिना गर्म कपड़ों के नजर आते हैं।
एक ऐसे ही साधु का वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ था जो बर्फ जैसे जमे पानी में उतरकर स्नान कर रहे थे। विज्ञान कहता है कि कुछ लोगों में यह गुण होता है कि उन्हें ठंड या गर्मी बहुत कम लगती है। इसकी असली वजह जेनेटिक है। दरअसल हमारे स्नायुतंत्र में कुछ ऐसे सेल होते हैं जो ठंड और गर्मी का एहसास कर दिमाग को इसकी जानकारी देते हैं।
दिमाग इन्हीं सूचनाओँ को आधार पर शरीर को उस हिसाब से आचरण करने का निर्देश जारी करता है। कई बार नियमित अभ्यास की वजह से भी ऐसे कोषों की क्षमता और बढ़ जाती है। इस कारण किसी खास को कम ठंड लगती है और गर्मी का एहसास भी कम हो जाता है। यह पहले से वैज्ञानिक प्रमाणित तथ्य है कि दुनिया के आठ सौ करोड़ लोगों में करीब डेढ़ सौ करोड़ ऐसे लोग होंगे, जो अधिक तापमान सहन कर सकते हैं।
ऐसे लोगों की शरीर के अंदर मांसपेशियों में एक खास किस्म का प्रोटिन कम होता है। इस प्रोटिन को एक्टिनिन 3 कहा जाता है। इसकी कमी से शरीर में ठंड और गर्मी का संकेत दिमाग तक पहुंचने का काम घट जाता है। इसलिए टी शर्ट पहन कर इस ठंड में चलने का कारण यह हो सकता है। अब यह कैसे विकसित हुआ, इसका खुलासा तो राहुल गांधी ही कर सकते हैं।