वाशिंगटनः पूरे अमेरिका में फिर से कड़ाके की ठंड की चेतावनी जारी की गयी है। लोगों को आगाह किया गया है कि वे अचानक तापमान के बहुत गिरने तथा भारी बर्फवारी के लिए खुद को तैयार कर लें। इसके बीच ही ब्रिटेन के कई स्थानों पर बेघर लोगों को किसी सुरक्षित छत के नीचे गर्म रखने का सरकारी इंतजाम किया गया है। मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक आगामी बुधवार से वहां इस कहर का पहुंचना प्रारंभ हो जाएगा।
उत्तरी छोर से आने वाले ठंडी हवा की वजह से ऐसा होगा और इसी वजह से इस मौसम में बर्फवारी भी औसत से अधिक हो जाएगी। अभी हाल ही में दो दिनों तक बर्फवारी की वजह से अमेरिका और यूरोप के अनेक स्थानो पर हवाई यात्रा बाधित हो गयी थी। इस बार आने वाली परेशानी उससे अधिक होने की आशंका व्यक्त की गयी है। कनाडा के तरफ से निम्न दबाव का इलाका आगे बढ़ रहा है। इस कारण इस बार फ्लोरिडा तक इसका कुप्रभाव पड़ेगा।
मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि अभी आसमान पर जो हालात बने हैं उसके मुताबिक ऐसा कहर अगले दो सप्ताह तक जारी रहेगा। क्रिसमस के करीब आने के बीच ही इस चेतावनी से बाहर जाने वालों को संभलने की हिदायत दी गयी है। वरना क्रिसमस के मौके पर लोग अवकाश के दौरान कहीं भी छुट्टी मनाने के लिए निकल जाते है। यह बताया गया है कि इडाहो से लेकर मिन्नोसोटा तक दस से तीस डिग्री तक तापमान औसत से नीचे रहेगा।
मंगलवार से ही लोगों को तापमान में गिरावट का यह असर महसूस होने लगेगा। दूसरी तरफ इसके ठीक उलट टेक्सास के इलाको में इस मौसम में भी तापमान बढ़कर 45 डिग्री तक पहुंच सकता है। अमेरिका के उत्तरी हिस्सों में अधिकतम तापमान दहाई अंक तक नहीं पहुंचेगा जबकि न्यूनतम तापमान अनेक इलाकों में शून्य से काफी नीचे चला जाएगा।
हवा चलने की वजह से भी लोगों को अधिक ठंड महसूस होगी। हवा का तापमान भी शून्य से तीस डिग्री नीचे होने की वजह से बर्फवारी की चपेट में यह सभी इलाके आ जाएंगे। राष्ट्रीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक बुधवार की रात को यह तापमान शून्य से पचास डिग्री तक नीचे जा सकता है। अगले पांच दिनों तक लगातार मौसम का इतना ही बुरा हाल रहेगा।
अटलांटा जैसे इलाके में भी गुरुवार तक तापमान चौदह डिग्री के करीब होगा। यह देश का गर्म इलाका माना जाता है। लोगों को ठंड से बचने के साथ साथ अपने पौधों को भी ढंककर रखने की हिदायत दी जा चुकी है क्योंकि इतनी अधिक बर्फवारी और अत्यधिक ठंड में बचाव नहीं होने पर ऐसे पौधे भी मर जाएंगे। एक अनुमान के मुताबिक अगले सप्ताह देश के 260 मिलियन लोगों पर मौसम के बदलाव का यह असर पड़ेगा, जो देश की अस्सी प्रतिशत आबादी के करीब है।