Breaking News in Hindi

विवादों में चल रहे महाराष्ट्र के राज्यपाल ने अमित शाह को पत्र लिखा, सलाह मांगी

  • विपक्ष ने जोरदार हमला किया था इस पर

  • शिंदे खेमा के लोग भी बयान से नाराज हुए

  • पत्र लिखकर इस्तीफा देने की इच्छा जतायी

राष्ट्रीय खबर

मुंबईः महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। इस पत्र की बात सार्वजनिक होने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने अपने साथ जुड़े विवादों को खत्म करने के लिए पद छोड़ने की इच्छा जतायी है। दरअसल एक कार्यक्रम में बोलते हुए श्री कोश्यारी यहां तक बोल गये थे कि छत्रपति शिवाजी पुराने इतिहास के व्यक्ति है और नीतीन गडकरी वर्तमान महाराष्ट्र के नायक है। उनके इस बयान को दूसरे तरीके से लिया गया था। छत्रपति शिवाजी के साथ नीतीन गडकरी की तुलना विरोधियों के साथ साथ महाराष्ट्र की आम जनता को भी पसंद नहीं आयी थी। वैसे भी श्री कोश्यारी रात के अंधेरे में ही देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार को लेकर सरकार बनाने की वजह से पहले से ही विरोधियों के निशाने पर रहे हैं।

औरंगाबाद के एक विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में श्री कोश्यारी ने कहा था कि प्राचीन काल में यहां छत्रपति शिवाजी थे। बाद में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आये और वर्तमान समय में यही भूमिका नीतीन गडकरी निभा रहे हैं। इस बयान के बाद उद्धव ठाकरे गुट के लोगों ने मराठी सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली बात कहने के लिए राज्यपाल से इस्तीफा मांगा था।

मामले की गंभीरता को समझते हुए भाजपा के साथ महाराष्ट्र में सरकार चला रही एकनाथ शिंदे कैंप ने भी यही मांग दोहरायी थी। इस विवाद के बढ़ने पर खुद नीतीन गडकरी को भी उनके बचाव में आना पड़ा था। इस बीच महाराष्ट्र के वर्तमान उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी ने कोश्यारी के बयान का समर्थन कर विवाद को और उलझा दिया था।

अब विवाद के अधिक गरमाने के बीच ही कोश्यारी द्वारा अमित शाह को पत्र लिखने की जानकारी सामने आयी है। दरअसल उद्धव खेमा मानता है कि पद के लिहाज से उप मुख्यमंत्री होने के बाद भी सत्ता की असली चाभी देवेंद्र फडणवीस के पास ही है। शिवसेना के विधायकों को तोड़कर अपने साथ ले गये एकनाथ शिंदे अब महज एक कठपुतली बनकर रह गये हैं। दूसरी तरफ सरकार के काम काज से शिंदे खेमा के कुछ लोग भी नाराज चल रहे हैं, ऐसी सूचना बार बार आने लगी है।

बताया जा रहा है कि श्री कोश्यरी ने अपने पत्र में यह बताया है कि मुगलों के खिलाफ संघर्ष करने वाले छत्रपति शिवाजी अथवा गुरु गोविंद सिंह या महाराणा प्रताप के चरित्र का अपमान करने की बात तो वह सपने में भी नहीं सोच सकते हैं। लेकिन विवाद होने की वजह से वह श्री शाह से यह जानना चाहते हैं कि विवाद को समाप्त करने के लिए उनका त्यागपत्र देना उचित होगा अथवा नहीं। पत्र में उत्तराखंड के एक घटनाक्रम का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें उनके चुनाव नहीं लड़ने की चर्चा है। उन्होंने वर्ष 2016 में ही कोई राजनीतिक पद नहीं लेने का एलान कर दिया था। इसके बाद भी नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया था। अब इस पत्र पर अमित शाह क्या फैसला लेते हैं, उस पर सभी की नजर बनी हुई है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.