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टीएमसी नेता को जनता ने चौराहे पर पीटा

आंगनबाड़ी में नौकरी देने के लिए मंत्री के नाम पर सोलह लाख की ठगी

  • फिरहाद हकीम ने नाम पर लिया था यह पैसा

  • नेता ने महिला पर हाथ उठाया तो लोग पहुंचे

  • पूरी घटना जान लेने के बाद नेता की पिटाई हुई

राष्ट्रीय खबर

मालदाः यहां के एक तृणमूल कांग्रेस के नेता की जनता ने धुलाई कर दी। उनपर आरोप था कि दो बहनों को नौकरी दिलाने के नाम पर सोलह लाख रुपये हड़प लिये थे। मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी नेता टीएमसी के जयहिंद वाहिनी के जिला संपादक है। इस मामले को लेकर भाजपा ने टीएमसी पर निशाना साधा है जबकि पंचायत चुनाव के पहले ऐसी घटना से पार्टी शर्मशार हुई है।

कहा गया है कि आईसीडीएस में नौकरी दिलाने के नाम पर उस नेता ने मंत्री के नाम का हवाला देकर सोलह लाख रुपये लिये थे। मार पीट की सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह नेता को और अधिक पिटने से बचाया है। यहां के हरीशचंद्रपुर थाना के सदर की यह घटना है। वहां के अब्बुल गफ्फार की दोनों बेटियों ने नौकरी पाने के लिए जहांगीर आलम को यह पैसे दिये थे। अब्दुल गफ्फार पेशे से दर्जी थे पर उनकी मौत हो चुकी है।

उनकी दोनों बेटियों पुतुल निशा परवीन और हाजेरा खातून को उस नेता ने आंगनबाड़ी में नौकरी दिलाने का वादा किया था। दोनों लड़कियों की मां भी आंगनबाड़ी में रसोइये का काम करती हैं। कई खेप में पैसा देने के बाद भी जब काम नहीं हुआ तो दोनों लड़कियों ने उनसे अपने पैसे वापस मांगे। इसी बात पर जहांगीर ने उनके साथ मारपीट की।

शोर शराबा देखकर आस पास के लोग वहां पहुंचे और पूरी घटना जान लेने के बाद तृणमूल कांग्रेस के नेता की जमकर पिटाई की। आरोप है कि उक्त नेता ने एक बहन को आंगनबाड़ी सुपरवाइजर और दूसरी तो टीचर बनाने का वादा कर यह पैसा लिया था। उन्होंने राज्य के प्रभावशाली मंत्री फिरहाद हकीम के साथ नजदीकी संबंध होने का दावा कर यह पैसा लिया था। पंद्रह दिनों के भीतर नौकरी मिल जाने का झांसा दिये जाने के बाद उस परिवार ने अपनी जमीन बेचकर यह पैसा दिया था।

डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी नौकरी नहीं मिली थी और जब वे पैसा वापस मांगने जाते थे तो उन्हें धमकाकर लौटा दिया जाता था। हरिशचंद्रपुर ग्रामीण अस्पताल में आये जहांगीर आलम को पुतुल निशा परवीन ने वहीं घेरकर पैसा लौटाने की माग की। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक उस नेता ने उसे पीटना चालू कर दिया। लोगों ने यह देखकर बीच बचाव किया।

पूरा मामला जान लेने के बाद लोग नेता पर ही टूट पड़े और जमकर धुलाई कर दी। पुलिस ने वहां पहुंचकर किसी तरह नेता को और अधिक पिटने से बचाया और अपने साथ ले गयी। पंचायत चुनाव के मौके पर यह बयान भाजपा के लिए हथियार बन गया है जबकि टीएमसी की तरह से दोनों बहनों की हरसंभव मदद की बात कही गयी है। थाना में दोनों तरफ से एफआईआर दर्ज कराया गया है।

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