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विशाल मगरमच्छ को गंगा नदी में फरक्का के पास छोड़ा गया

  • कई नदियों में देखा जा रहा था इस विशाल प्राणी को

  • गायब हुआ तो समझा कि बांग्लादेश चला गया

  • दो सौ किलो वजन वाले को जाल से पकड़ा

राष्ट्रीय खबर

मालदाः पूर्णभवा नदी से काफी मशक्कत के बाद पकड़े गये मगरमच्छ को अंततः गंगा नदी में ही छोड़ा गया है। दो सौ किलो वजन वाले इस मगरमच्छ ने इलाके में आतंक मचा रखा था। अब जिस स्थान पर इसे छोड़ा गया है वह फरक्का बैराज के पश्चिमी इलाके का है। यहां का माहौल मगरमच्छों के लिए अनुकूल माना गया है। यहां पहले से भी मगरमच्छ रहते हैं।

दूसरी तरफ वन्य प्राणी विशेषज्ञों का मत था कि इस प्राणी को सुंदरवन के खारा पानी के इलाके में छोड़ना उचित नहीं होगा क्योंकि वहां के माहौल से यह अवगत नहीं है। यहां के हबीबपुर ब्लॉक के श्रीरामपुर इलाके में इस मगरमच्छ को सबसे पहले स्थानीय लोगों ने देखा था। वन विभाग को इसकी सूचना दिये जाने के बाद उसे पकड़ने के लिए काफी परिश्रम करना पड़ा था।

लोगों का कहना था कि पहली बार इसे 11 नवंबर को माणिक चक के कांचनटोला इलाके के कालिंदी नदी में देखा गया था। उस वक्त लोगों को नदी में जाने से रोक दिया गया था। सुंदरवन से आये विशेषज्ञों ने वहां काफी तलाश की थी लेकिन मगरमच्छ का वहां पता नहीं चल पाया था। उसके बाद इस इलाके मे फिर से उसे देखा गया।

पास में ही मौजूद विशेषज्ञों ने उसका पीछा महानंदा नदी में किया था। महानंदा नदी में भी लोगों को जाने से मना किया गया था। एक सप्ताह तक कोई खोज खबर नहीं मिलने से यह माना गया था कि यह शायद नदी में तैरता हुआ बांग्लादेश चला गया है। लेकिन बुधवार को फिर से यह पुनर्भवा नदी में नजर आ गया। उसके बाद से ही उसे पकड़ने की तैयारी की गयी थी। जाल बिछाकर उसे पकड़ा गया है।

पकड़े जाने के बाद उसकी जांच की गयी। यह माना गया है कि नौ फीट लंबा यह मगरमच्छ करीब तीस साल का है और यह मीठे पानी का ही प्राणी है। सब कुछ जांच लेने के बाद वन विभाग ने उस फरक्का बैराज के पास मगरमच्छों के इलाके में छोड़ दिया है।

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