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ट्रेन का पूरा एक इंजन मिला कबाड़खाना में

  • सुरंग खोदकर हर रात को चोरी करते थे

  • मुजफ्फरपुर के गोदाम में मिले 13 बैग

  • तुघलगाबाद से भी एक इंजन लापता

राष्ट्रीय खबर

पटनाः बिहार के चोरों ने नया रिकार्ड बना दिया है। इस बार उनके हत्थे एक ट्रेन इंजन लगा है। इसके पहले रातों रात एक पुल को ही चुरा ले जाने की घटना पर बहुत चर्चा हुई थी। याद दिला दें कि इस साल के मई महीने में रोहतास जिला के आमिवारा गांव के पास एक लोहा पुल को ही चोर खोल ले गये थे। वह काम भी एक बार में नहीं हुआ था। इस बार भी रेल इंजन चुरा ले जाने के लिए लगातार काम किया गया है।

वैसे मामले की चर्चा होने के बाद सतर्क पुलिस ने इस इंजन के अनेक हिस्सों क कबाड़ी के ठिकाने से खोज निकाला है। इस बार की चोरी मुजफ्फरपुर में हुई है। पुलिस के मुताबिक बरौनी के गरहरा रेलयार्ड में एक पुराने इंजन को मरम्मत के लिए लाया गया था। इसी यार्ड से चोरों ने हर रात थोड़ा थोड़ा कर पूरा इंजन ही गायब कर दिया था। इतने बड़े इंजन का गायब होना छोटी बात नहीं थी। किसी का ध्यान इंजन नहीं होने की तरफ जब गया तो आनन फानन में पुलिस को इसकी सूचना दी गयी थी।

पुलिस की जांच में पता चला कि इस रेल यार्ड के पास ही एक सुरंग भी बनाया गया था। समझा जाता है कि इसी सुरंग के रास्ते चोर रात के अंधेरे में वहां आते थे और कुछ कुछ हिस्सा खोलकर उसी रास्ते से ले भागते थे। इस मामले की जांच मे पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया था। उनसे हुई पूछताछ के बाद ही पुलिस ने मुजफ्फरपुर के एक गोदाम में छापा मारा।

वहां तेरह बस्तों में बंद ट्रेन इंजन के हिस्से बरामद किये गये हैं। मुजफ्फरपुर में रेलवे संरक्षा बल (आरपीएफ) के निरीक्षक पीएस दुबे ने बताया था, ‘‘मरम्मत के लिए गडहारा यार्ड में लाया गया डीजल इंजन चोरी होने के संबंध में पिछले सप्ताह बरौनी थाने में मामला दर्ज कराया गया। जांच के दौरान तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है ”

उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर मुजफ्फरपुर के प्रभात नगर इलाके में एक गोदाम की तलाशी ली गई, जहां से रेल के पुर्जों से भरे 13 बोरे मिले हैं। कबाड़ी गोदाम के मालिक की तलाश जारी है। बरामद सामान में इंजन के पुर्जे, पुराने रेल इंजनों के पहिए और भारी लोहे से बने रेल के पुर्जे आदि शामिल हैं। यह गिरोह स्टील के पुलों के नल-बोल्ट खोलने और उनके पुर्जे चुराने में भी शामिल है।

इस बीच अररिया जिला के सीताधर नदी के ऊपर से भी एक लोहा पुल को खोलने की कोशिश होने की जानकारी मिली है। अब वहां पहरा बैठा दिया गया है। वैसे इंजन के गायब होने की एक और घटना दिल्ली के तुगलकाबाद लोको शेड का इलेक्ट्रिक लोको (इंजन) की है। वेस्ट सेंट्रल रेलवे ने जोन में इसकी तलाश की। नहीं मिला तो रेलवे बोर्ड को जानकारी दी गई। बता दें कि बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे को इसकी तलाश करने को कहा है।

अब रेलवे की तरह हरेक जोन ने तलाशी में ट्रेन के ड्राइवरों को लगा दिया है। देश में करीब 60 हजार ट्रेन ड्राइवर हैं, जो हरेक इंजन के नंबरों की जांच कर रहे हैं, ताकि खोया हुआ इंजन मिल जाए। इंजन नंबर 23384 को मरम्मत के लिए 15 जून को लोको शेड लौटना था। इंजन पहुंचा ही नहीं। मान लिया गया कि देश के किसी छोर में होगा, जहां से लौटने में समय लगेगा। इंजन 10 दिन बाद भी नहीं लौटा तो खोजबीन शुरू हुई। इसके बाद भी डब्ल्यूसीआर को इंजन नहीं मिला। गत 10 जुलाई को तलाश जारी करने का आदेश जारी किया गया था।

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