कियेबः यूक्रेन में कड़ाके की ठंड के बीच बर्फवारी शुरु हो गयी है। इसी वजह से अंधेरे में रहने को लोग अब ज्यादा परेशानी झेल रहे हैँ। यह अलग बात है कि इसके बाद भी जनता अपनी आजादी के कायम रखने के पक्ष में संघर्ष के लिए खुद को तैयार बता रही है। देश के कई हिस्सों में अब तापमान शून्य से नीचे चला गया है।
इसके बीच ही बिजली नहीं होने के ठंड से बचाव का काम कठिन हो गया है। सरकार ने पहले ही जनता से ठंड से बचाव का वैकल्पिक इंतजाम करने की चेतावनी दे रखी थी। फिर भी अंधेरे में रहना इस परेशानी को और बढ़ा रहा है। अभी की बात करें तो करीब दस मिलियन यूक्रेन के लोग लगातार बिजली के बिना रहने पर विवश है।
रूसी मिसाइल हमलों से अनेक बिजली संयंत्रों के नुकसान पहुंचने की वजह से ऐसी स्थिति आयी है। बहुमंजिली इमारतों में रहने वालों के लिए यह और भी बड़ी परेशानी है क्योंकि बिना लिफ्ट के एक साथ नौ या दस तल्लों तक चढ़ना कोई आसान काम नहीं है। घर से निकल कर अपना काम काज निपटाकर लौटने वालों को इस कड़ाके की ठंड में इसी वजह से अधिक तकलीफ होने लगी है।
घऱों के अंदर भी कमरों को गर्म रखने का कोई स्थायी इंतजाम नहीं है। लोग रात के अंधेरे में मोमबत्ती जलाकर अपना काम काज कर रहे हैं। इसी वजह से अधिकांश घरों में रात का भोजन भी दिन के उजाले में तैयार किया जाने लगा है। कई लोग इस हालत में अपने बच्चों को स्कूल भेजने की चिंता से परेशान है। साथ ही बिजली नहीं रहने की वजह से अब इंटरनेट सेवा भी लगभग बंद है और मोबाइल भी काम नहीं कर रहे हैं।
इस क्रम में यह स्पष्ट हो गया है कि अधिक उम्र के लोगों को इस हालत में सबसे अधिक परेशानी हो रही है। जिन इलाकों में बिजली है, वहां भी लगातार लोडशेडिंग हो रही है यानी बिजली काटी जा रही है। दूसरी तरफ बिजली नहीं रहने की वजह से अनेक व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद हो गये हैं। इनके संचालक या तो समय पर नहीं पहुंच रहे हैं अथवा बिजली नहीं होने की वजह से कारोबार में कोई गति नहीं दिख रही है।