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देश की पिछली सरकारों की काम करने की गति ही बहुत धीमी थीः नरेंद्र मोदी

  • स्टार्टअप से भारत की नई पहचान बनी है

  • वंदे भारत ट्रेन अब भारतीय रेलवे की शान

  • देश में हवाई अड्डों की संख्या दोगुणी हुई

बेंगलुरु: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि पिछली सरकारों का विचार करने का तरीका पुराना हो जाने के कारण 2014 से पहले गति और पैमाने के गुणों को अपनाना कल्पना से परे था। श्री मोदी ने यहां नादप्रभु केम्पेगौड़ा की 108 फुट ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन करने के बाद आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने गति को विलासिता के रूप में और पैमाने को जोखिम के रूप में माना, हमारी सरकार ने इस प्रवृत्ति को बदल दिया है। हम गति को आकांक्षा और पैमाने को भारत की शक्ति मानते हैं।

श्री मोदी ने नादप्रभु केमेपेगौड़ा की स्मारक प्रतिमा के विवरण साझा करते हुए कहा कि यह बेंगलुरु और भविष्य के भारत के निर्माण के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम करेगी। स्टार्टअप्स की दुनिया में भारत की पहचान पर टिप्पणी करते हुए मोदी ने कहा कि बेंगलुरु इस पहचान को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु भारत की स्टार्टअप भावना का प्रतिनिधित्व करता है, और यह वह भावना है जो देश को दुनिया के बाकी हिस्सों से अलग करती है।

श्री मोदी ने कहा कि वंदे भारत सिर्फ एक ट्रेन नहीं बल्कि नए भारत की एक नई पहचान है। उन्होंने कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस इस बात का प्रतीक है कि भारत ने अब ठहराव के दिनों को पीछे छोड़ दिया है। हम भारतीय रेलवे के समग्र परिवर्तन के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि 400 से अधिक वंदे भारत ट्रेन और विस्टा डोम कोच भारतीय रेलवे की नयी पहचान बन रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा कि केम्पेगौड़ा हवाई अड्डे का नया टर्मिनल-2 कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए नयी सुविधाओं और सेवाओं को जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि हवाई यात्रा के मामले में भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है और हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 से पहले देश में सिर्फ 70 हवाई अड्डे थे, लेकिन आज यह संख्या दोगुनी होकर 140 से ज्यादा हो गई है।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक से काशी, अयोध्या और प्रयागराज की यात्रा जो आज से शुरू हुई है, कर्नाटक के लोगों को काशी और अयोध्या की यात्रा करने में मदद करेगी। श्री मोदी ने कनकदास द्वारा स्थापित मोटे अनाज के महत्व पर भी सभी का ध्यान आकर्षित किया। प्रधानमंत्री ने अपनी रचना-राम धन्य चरित पर प्रकाश डालते हुए कर्नाटक में सबसे अधिक पसंद किए जाने वाले ‘रागी’ का उदाहरण देते हुए कहा कि यह सामाजिक समानता का संदेश देता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया ने भारत के प्रति जो विश्वास और आकांक्षाएं दिखाई हैं, उनका कर्नाटक लाभ उठा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कर्नाटक में चार लाख करोड़ रुपये के निवेश पर सभी का ध्यान आकर्षित किया, जो तब हुआ जब दुनिया कोविड महामारी से जूझ रही थी। उन्होंने कहा कि पिछले साल, कर्नाटक ने देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने बताया कि यह निवेश केवल आईटी क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है, बल्कि जैव प्रौद्योगिकी से लेकर रक्षा तक है। भारत के विमान और अंतरिक्ष यान उद्योग में कर्नाटक का 25 प्रतिशत हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि भारत की रक्षा के लिए बने लगभग 70 प्रतिशत विमान और हेलीकॉप्टर कर्नाटक में निर्मित होते हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत ढांचागत निवेश के 110 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य की दिशा में काम कर रहा है राष्ट्रीय रसद नीति के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह देश में परिवहन की लागत को कम करने के साथ-साथ इसे नवाचार करने में भी मदद करेगा।

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