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बेकार हो चुके एयरपोर्ट शहर बनाने की तैयारी

दूसरे विश्वयुद्ध का प्रमुख हवाई अड्डा था यह

वर्ष 1970 तक इसका इस्तेमाल होता रहा

अब इसे फिर से गुलजार बनाने की तैयारी

बर्लिनः दूसरे विश्वयुद्ध के प्रमुख हवाईअड्डा रहे यहां का तेजेल हवाई अड्डा अब एक आधुनिक शहर में तब्दील हो जाएगा। इसकी योजना कुछ ऐसी बनायी गयी है कि इसके खाली पड़े सारे स्थानों का बेहतर इस्तेमाल हो। इसके लिए पर्यावरण का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। दरअसल इस हवाई अड्डे को वर्ष 2020 में औपचारिक रुप से बंद घोषित कर दिया गया था।

उसके बाद से ही बर्लिन जैसे व्यस्त शहर में वीरान पड़े इस इलाके के बेहतर उपयोग पर विचार किया जा रहा था। करीब 495 हेक्टेयर में बने इस हवाई अड्डे के बाहरी इलाकों मे हाल हाल तक लोग बम निकालते रहे हैं। अब बर्लिन के बाहर बने इस हवाई अड्डे से कुल दस टन विस्फोटक और गोला बारूद पूरी तरह हटा लिया गया है। कुछ इलाकों से बमों को हटाना संभव नहीं था, उन्हें उसी स्थान पर दूर से विस्फोट कर नष्ट कर दिया गया है। अब यह इलाका बारूद से पूरी तरह खाली है। इसी वजह से यहां अब नये किस्म का शहर बनाने की तैयारी हो रही है।

बेकार हो चुके एयरपोर्ट शहर बनाने की तैयारीइस इलाके को गुलजार बनाने के लिए आठ बिलियन डॉलर की एक योजना बनायी गयी है। इसके तहत वहां पर पर्यावरण के अनुकूल एक शहर बसाया जा रहा है। प्रस्तावित परियोजना के तहत यहां पर पांच हजार घर बनाये जायेंगे।

इसके अलावा वहां पांच हजार छात्रों तथा एक हजार व्यापारियों के लिए भी इंतजाम किया जाएगा। सारी सुविधाएं इसी इलाके में उपलब्ध होने की वजह से यह एक नया शहर बन जाएगा।

इस परियोजना के निदेशक निकोलम नोवोत्नी ने कहा कि इसे विकसित करने में दुनिया के सामने आने वाली हर चुनौती का ध्यान रखा जा रहा है। शहर अपने संसाधनों से पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा का उत्पादन करेगा। यहां पर जिओथर्मल गर्मी से बिजली पैदा करने के लिए जमीन के नीचे 12 किलोमीटर लंबा पाइप बिछाया जाएगा। इस बिजली का उत्पादन अधिक खपत वाले इलाकों में होगा जबकि घर और कम खपत के इलाके सौर ऊर्जा से संचालित होंगे।

शहर में नीचे से ऊपर तक हरियाली कायम रखने का इंतजाम है। यहां की कुछ सड़कों को परियोजना काल सेही कार मुक्त किया गया है, यानी इन सड़कों पर कारें नहीं चलेंगी। लोगों को ई साइकिल या स्कूटर से यहां अपना काम करना होगा। बड़ी बात यह होगी कि यहां बारिश का पानी नालियों से बहकर नहीं जाएगा। उनका भंडारण कर इस पानी का प्राकृतिक वाष्पीकरण से इलाके को ठंडा रखने का काम पूरा किया जाएगा। इस एयरपोर्ट के बड़े भवनों को व्यापारिक केंद्र बनाने की योजना बनायी गयी है। कुल मिलाकर पर्यावरण के अनुकूल एक जीवंत शहर यहां बसाने का काम प्रारंभ हो रहा है।

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