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ईरान द्वारा ओमान में टैंकर जब्त

खाड़ी क्षेत्र में वाणिज्यिक वाहन को समुद्र में रोका गया

तेहरानः खाड़ी क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। ईरान ने ओमान की खाड़ी में एक वाणिज्यिक टैंकर को जब्त कर लिया है। बताया गया है कि इस टैंकर में लगभग 60 लाख लीटर डीजल भरा हुआ था। ईरान के अधिकारियों ने दावा किया है कि टैंकर को कथित रूप से ईंधन की तस्करी के आरोप में जब्त किया गया है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब वैश्विक तेल आपूर्ति और समुद्री मार्गों की सुरक्षा पहले से ही संवेदनशील बनी हुई है।

इस जब्त किए गए जहाज पर कई देशों के क्रू सदस्य सवार थे, जिनमें भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश के नागरिक शामिल हैं। विभिन्न देशों की सरकारों और राजनयिकों ने ईरान से इन क्रू सदस्यों की सुरक्षा और तत्काल रिहाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। क्रू सदस्यों के परिवारजन अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और उन्होंने अपनी सरकारों से हस्तक्षेप की मांग की है।

ओमान की खाड़ी और होर्मुज जलडमरूमध्य वैश्विक ऊर्जा व्यापार के लिए सबसे महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों में से एक हैं। इस क्षेत्र में इस तरह के सैन्य या अर्ध-सैन्य हस्तक्षेप से तेल की कीमतों में अस्थिरता आ सकती है और बीमा लागत बढ़ सकती है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रभावित होता है। ईरान पहले भी कई बार अंतर्राष्ट्रीय जलक्षेत्र में टैंकरों को जब्त कर चुका है, अक्सर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के विरोध में या क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों पर दबाव बनाने के लिए।

ईरान का यह कदम क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा सकता है। अमेरिका और उसके सहयोगी, जो इस महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नौसैनिक गश्त करते हैं, इस घटना पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। उन्होंने ईरान से अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानून का सम्मान करने और जब्त किए गए टैंकर तथा उसके क्रू को तुरंत रिहा करने की मांग की है। यह घटना फारस की खाड़ी के नाजुक भू-राजनीतिक समीकरण को दर्शाती है, जहाँ तेल और सुरक्षा के मुद्दे अक्सर परस्पर टकराते हैं।