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जातिगत सर्वेक्षण पर कोई विवाद नहीः प्रियंग खरगे

कर्नाटक मंत्रिमंडल में सर्वेक्षण पर मतभेद की खबर का खंडन

  • यह हमारे चुनाव घोषणापत्र का हिस्सा रहा है

  • कुछ लोग निराधार निष्कर्ष निकाल रहे हैं

  •  दो दिन पहले ही सरकार को रिपोर्ट मिली

बेंगलुरुः कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खरगे ने राज्य में हाल ही में हुुए जातिगत सर्वेक्षण पर राज्य मंत्रिमंडल में किसी भी प्रकार के मतभेद को लेकर मीडिया में आई खबरों का खंडन करते हुए स्पष्ट किया है कि किसी भी मंत्री को इस बारे में कोई भी आपत्ति नहीं है।

श्री खरगे ने सोमवार को यहाँ मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि इस बारे में स्पष्ट एवं सार्वजनिक तौर पर बातचीत होनी चाहिए। उन्होंने कहा, सर्वेक्षण को लेकर मंत्रिमंडल में किसी भी प्रकार के मतभेद नहीं हैं। मेरे किसी भी सहयोगी ने इसे लेकर किसी भी प्रकार का विरोध और चिंता नहीं जताई है।

जातिगत सर्वेक्षण हमारे चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा है और अगर लोग ये सोचते हैं कि यह वैज्ञानिक नहीं है तो इसके समाधान के कई रास्ते हैं। लेकिन यह ना जानते हुए भी कि इसमें क्या है, लोग इस बारे में निष्कर्ष निकालने लगे हैं। उन्होंने ध्यान दिलाया कि यह रिर्पोट सरकार के पास दो दिन पहले ही पहुंची है और उन्हें तथा उनके सहयोगियों को इसका पूरा ब्यौरा जानने का मौका ही नहीं मिला है।

उन्होंने कहा, हमें नहीं मालूम है कि रिपोर्ट में क्या लिखा हैं। लेकिन अगर किसी को इस बारे में संदेह और आपत्ति है तो कुछ भी कहने के लिए उनका स्वागत है। उन्होंने आलोचकों और आम जनता से समय पूर्व फैसला लेने से बचने का अनुरोध किया तथा कहा कि यह रिपोर्ट केवल कार्यकर्ताओं और अन्य किसी के लिए ही नहीं बल्कि सार्वजनिक बहस के लिए भी उपलब्ध होनी चाहिए।

फिर अगर कुछ सही नहीं है तो उन्हें उसको सामने लाने दिया जाए, लेकिन मामले को समझे बिना किसी भी फैसले पर पहुंचना सही नहीं है। उन्होंने सरकार की ओर से पारदर्शिता की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि जातिगत सर्वेक्षण सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी का चुनावी वायदे से जुड़ा प्रमुख मुद्दा रहा है, जिसे जिम्मेदारी के साथ निभाया जाएगा।

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