सुरक्षा बलों की चौतरफा घेराबंदी का सार्थक प्रयास सफल
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बीजापुर में एक साथ इतने आत्मसमर्पण हुए
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सभी ने वरीय अफसरों के सामने किया सरेंडर
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मुख्यमंत्री साय ने इसे एक बेहतर संकेत बताया
रायपुरः छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में रविवार को 68 लाख के इनामधारी 50 नक्सलियों ने सामूहिक आत्मसमर्पण कर माओवादी संगठन को करारा झटका दिया है। नक्सलियों ने आत्मसमर्पण बीजापुर पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र यादव के समक्ष किया। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों के सरेंडर करने से माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है।
समर्पण करने वालों में कई वांछित नक्सली शामिल थे। आत्मसमर्पित नक्सलियों पर कुल 68 लाख रुपये का इनाम था। उन्होंने एसपी, डीआईजी और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) अधिकारियों के सामने अपने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। प्रशासन ने इसे नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक अहम कदम बताया है।
इस पर राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा यह आत्मसमर्पण सरकार की प्रभावी नीति और सुरक्षा बलों की रणनीतिक कार्रवाई का परिणाम है। हम नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और विकास लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सहायता दी जाएगी।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में शनिवार का दिन भी पुलिस व सुरक्षा बलों के नाम रहा। सुरक्षा बलों के जवानों ने अलग-अलग स्थानों पर हुई मुठभेड़ में 11 महिलाओं समेत 18 नक्सलियों को ढेर कर दिया जबकि 15 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। एक ओर सुकमा जिले केरलापाल के गोरगुंडा पहाड़ियों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 17 नक्सली मारे गये जबकि केन्द्रीय सुरक्षा बल का एक जवान समेत चार जवान घायल हो गये।
दंतेवाड़ा जिले में आज 15 माओवादियों ने पुलिस समक्ष आत्मसमर्पण किया। वहीं बीजापुर में नक्सली-पुलिस मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया। गौरतलब है कि दंतेवड़ा जिले में अबतक 987 माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसर्पण किया है। इधर बीजापुर जिले में बासागुड़ा थाना क्षेत्र के टेकमेटा नरसापुर के जंगल में पुलिस और नक्सलियों के मुठभेड़ एक नक्सली मारा गया। घटनास्थल से एक हथियार व विस्फोटक पदार्थ बरामद किया गया।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बीजापुर जिले में एक साथ 50 नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर सुरक्षा-बलों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति- 2025 के सकारात्मक परिणाम अब जÞमीन पर स्पष्ट दिखने लगे हैं। श्री साय ने कहा कि नक्सलवाद के कुचक्र में फंसे लोग अब बंदूक छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौट रहे हैं, यह परिवर्तन स्वागतयोग्य है। हमारी सरकार हर उस व्यक्ति के पुनरुत्थान के लिए तत्पर है, जो लाल आतंक छोड़ शांति का रास्ता चुनता है।