अचानक तापमान में बढ़ोत्तरी का दूसरा असर भी नजर आया
राष्ट्रीय खबर
भुवनेश्वरः उड़ीसा के जंगलों में आये विदेशी पक्षी अब समय से पहले ही वापस जाने लगे हैं। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा में तापमान में अचानक वृद्धि और गर्मियों की शुरुआत ने प्रवासी पक्षियों को सर्दियों के मौसम में लगभग दो महीने तक रहने के बाद भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान से अपने घर की यात्रा पर निकलने के लिए प्रेरित किया है।
देखें इसका वीडियो
यह प्रवासी पक्षी दिसंबर के अंतिम सप्ताह में हिमालय से परे दूरदराज के क्षेत्रों में कठोर ठंड की स्थिति से बचने के लिए सुंदरबन के बाद भारत के दूसरे सबसे बड़े मैंग्रोव वन भीतरकनिका के जल निकायों में उमड़ पड़े। इस साल तापमान में अचानक वृद्धि और गर्मियों की शुरुआत ने पंखों वाले मेहमानों को जल्दी प्रस्थान करने के लिए प्रेरित किया है। राजनगर मैंग्रोव (वन्यजीव) वन प्रभाग के सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) मानस दास ने कहा कि पिछले वर्षों में, वे मार्च या अप्रैल में प्रस्थान करते थे।
उन्होंने बताया कि साइबेरिया जैसे स्थानों से उड़कर भीतरकनिका जलाशयों में आए पक्षी लगभग हर दिन समूहों में जा रहे हैं। वन अधिकारी ने बताया कि आम तौर पर वे मार्च के मध्य तक भीतरकनिका से अपने स्थानों पर चले जाते हैं, लेकिन फरवरी में तापमान में असामान्य वृद्धि के कारण, ये पक्षी इस साल जल्दी लौट रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस साल 118 प्रजातियों के 1.51 लाख से अधिक प्रवासी पक्षियों ने भीतरकनिका को अपना अस्थायी घर बनाया।
दूसरी तरफ जारी एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की झील चिल्का झील में इस सर्दी में असामान्य मंगोलियन गूल सहित 10.74 लाख से अधिक पक्षी ओडिशा के जलाशय में आए। पुरी, गंजम और खोरदा जिलों में फैली चिल्का झील लगभग 1,100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है। हालांकि, पिछले साल 190 प्रजातियों के लगभग 11.40 लाख पक्षियों की तुलना में इस साल झील में 183 प्रजातियों के 10,74,173 पक्षी आए। अभ्यास के दौरान इनकी गिनती की गई।