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चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में भाजपा विजयी

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पर्यवेक्षक की देखरेख में चुनाव

राष्ट्रीय खबर

चंडीगढ़ः तीन पार्षदों द्वारा ‘क्रॉस-वोटिंग‘ के बाद, भाजपा की हरप्रीत बबला चंडीगढ़ की नई मेयर बनीं है। तीन पार्षदों द्वारा कथित क्रॉस-वोटिंग के बाद, भाजपा की हरप्रीत कौर बबला चंडीगढ़ की नई मेयर चुनी गईं। इस परिणाम से साफ हो गया है कि भाजपा ने अपने विरोधी खेमा में सेंधमारी की है, जिसकी वजह से भाजपा को अपना महापौर बनाने में कामयाबी मिली है।

भाजपा के खिलाफ इस चुनाव में कांग्रेस और आप एक साथ चुनाव लड़ रहे थे और तय है कि विरोधी गठबंधन के कुछ सदस्यों  ने ही भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया है। यह चुनाव सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक की देखरेख में किया गया। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में हाथ उठाकर मतदान कराने की भी मांग की गयी थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था।

कल हुए इस चुनाव में बबला को 19 वोट मिले, जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी आप उम्मीदवार प्रेम लता को 17 वोट मिले। हालांकि, कांग्रेस उम्मीदवार जसबीर सिंह बंटी ने सीनियर डिप्टी मेयर का पद हासिल किया। 35 सदस्यीय सदन में, आप-कांग्रेस गठबंधन के पास 19 पार्षद हैं – आप के 13 और कांग्रेस के छह वोट, जबकि भाजपा के पास 16 वोट हैं।

साल भर पुराने गठबंधन को पदेन सदस्य और अपने सांसद मनीष तिवारी के एक वोट पर भी भरोसा था, जिससे उसके कुल वोट 20 हो गए। भाजपा बहुमत के लिए 19 वोटों का आंकड़ा हासिल करने के लिए क्रॉस-वोटिंग या दलबदल पर निर्भर थी।

सुबह 11 बजे गुप्त मतदान के जरिए मतदान शुरू हुआ। उन्हें 19 वोट मिले, जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी और भाजपा उम्मीदवार बिमला दुबे को 17 वोट मिले। इस बार एक साल के कार्यकाल वाली यह सीट महिलाओं के लिए आरक्षित थी। चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस की वरिष्ठ महिला पार्षद गुरबक्श रावत ने पाला बदलकर भाजपा का दामन थाम लिया है। कांग्रेस उम्मीदवार तरुणा मेहता डिप्टी मेयर चुनी गई हैं। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार लखबीर सिंह बिल्लू को हराया। मेहता को 19 वोट मिले, जबकि बिल्लू को 17 वोट मिले।

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