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वॉयनॉड का बाघ अब नरभक्षी घोषित

पकड़ा नहीं गया तो गोली से मारने का आदेश जारी

राष्ट्रीय खबर

तिरुअनंतपुरमः वन विभाग ने पंचराकोली में नरभक्षी बाघ को पकड़ने के प्रयास विफल होने पर उसे गोली मारकर मारने का निर्णय लिया है। यह निर्णय मीनमुट्टी निवासी आदिवासी महिला राधा (48) की मौत के बाद लिया गया है, जिसे शुक्रवार की सुबह कॉफी बीन्स की कटाई करते समय जानवर ने मार डाला था।

वन एवं वन्यजीव संरक्षण मंत्री ए.के. ससीन्द्रन ने कार्ययोजना की पुष्टि करते हुए इस बात पर जोर दिया कि मानव सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्य वन्यजीव वार्डन प्रमोद जी कृष्णन ने कहा कि क्षेत्र स्तर के अधिकारियों को बाघ का पता लगाने और उसे पकड़ने तथा यदि आवश्यक हो तो प्रोटोकॉल के अनुसार घातक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

उन्होंने कहा, प्रोटोकॉल के अनुपालन में बाद में एक आदेश जारी किया जाएगा। अभी मानव सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। अभियान में सहायता के लिए अतिरिक्त पिंजरे लगाए जाएंगे तथा अधिक पशु चिकित्सा विशेषज्ञों और रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) के सदस्यों को तैनात किया जाएगा। वन विभाग बांदीपुर-वायनाड वन्यजीव अभयारण्य गलियारे पर अपनी गश्त भी बढ़ाएगा।

राधा की मौत से क्षेत्र में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ है, हालांकि बाद में आंदोलन वापस ले लिया गया। सुबह उसके पति ने उसे खेत पर छोड़ा था और सुबह करीब 11 बजे उसका शव बरामद हुआ। जांच के बाद शव को मनंतावडी के वायनाड मेडिकल कॉलेज में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

सरकार ने राधा के परिवार को 11 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है, जिसमें से 5 लाख रुपये तुरंत वितरित किए जाएंगे। घटनास्थल का दौरा करने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओ आर केलू को भी स्थानीय निवासियों के विरोध का सामना करना पड़ा, जिन्होंने बार-बार बाघों के हमलों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की। राधा वन रक्षक अचप्पन की पत्नी हैं।

मंत्री ने कहा कि कैबिनेट मृतक के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का फैसला करेगी। उन्होंने कहा, हमने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और राधा के परिवार के साथ चर्चा की है। शनिवार को हड़ताल कांग्रेस जिला समिति ने शनिवार को मनंतवडी नगरपालिका में सुबह से शाम तक हड़ताल का आह्वान किया है, जिसमें सरकार द्वारा बार-बार हो रहे वन्यजीव हमलों को रोकने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफलता का विरोध किया जाएगा।

बाघों को नरभक्षी घोषित करना वन विभाग बड़ी बिल्लियों को नरभक्षी घोषित करते समय राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के दिशानिर्देशों का पालन करता है। इन दिशानिर्देशों के अनुसार, भले ही किसी जानवर को नरभक्षी साबित करने के लिए निर्णायक सबूत न हों, लेकिन तत्काल कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी एक व्यक्ति की हत्या के बाद ऐसी प्रवृत्तियों पर संदेह करने के लिए विश्वसनीय आधार हैं, तो उसे पकड़ने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।

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