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अगले पांच साल में बेरोजगार खत्म करेंगेः केजरीवाल

नये एलान के बाद आम आदमी पार्टी ने भाजपा को चुनौती दी

  • मध्यम वर्ग पर पूरा ध्यान रहेगा

  • सात सूत्री घोषणापत्र किया जारी

  • भाजपा के पास इनकी काट नहीं है

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और कहा कि अगले 5 साल में आप सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता दिल्ली में बेरोजगारी खत्म करना होगी। उन्होंने कहा, मेरी टीम राष्ट्रीय राजधानी में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए एक योजना तैयार कर रही है।

केजरीवाल ने बुधवार को देश के मध्यम वर्ग के लिए सात सूत्री घोषणापत्र की घोषणा करते हुए कहा कि उन्हें लगातार सरकारों द्वारा नजरअंदाज किया गया है और वे कर आतंकवाद के शिकार हैं। उन्होंने केंद्रीय बजट में भी मध्यम आय वर्ग के लोगों को राहत देने के प्रावधानों को शामिल करने के बारे में एक पत्र लिखा है। बुधवार को एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग भारतीय अर्थव्यवस्था की असली महाशक्ति है, लेकिन लंबे समय से इसे नजरअंदाज किया गया है और केवल कर संग्रह के लिए इसका शोषण किया गया है।

भाजपा ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि केजरीवाल ने मध्यम वर्ग के लिए अपना दृष्टिकोण पेश करने के बजाय केंद्र के सामने लोकलुभावन मांगें रखकर उन्हें गुमराह करने की कोशिश की है। दरअसल केजरीवाल के एलानों ने दिल्ली के इलाकों में भाजपा के लिए कठिन चुनौती खड़ी कर दी है। आप के पास अपनी उपलब्धि के लिए स्कूल और अस्पताल का उदाहरण मौजूद है जबकि भाजपा दिल्ली के लिए केंद्र सरकार की तरफ से की गयी पहल के बारे में कुछ भी बता नहीं पा रही है। इसी बीच मध्यम वर्ग और रोजगार की बात कहकर केजरीवाल ने फिर से भाजपा को परेशानी में डाल दिया है।

केजरीवाल ने मध्यम वर्ग की चिंताओं को दूर करने के उद्देश्य से सात सूत्री चार्टर की घोषणा की और भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र से इन चिंताओं को दूर करने की मांग की। मांगों में शिक्षा बजट को मौजूदा 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करना और निजी स्कूलों की फीस पर सीमा लगाना शामिल है। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सभी को सुलभ बनाने के लिए उच्च शिक्षा के लिए सब्सिडी और छात्रवृत्ति का भी प्रस्ताव रखा।

आप प्रमुख ने स्वास्थ्य सेवा खर्च में वृद्धि की आवश्यकता पर बल दिया, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर करों को हटाने के साथ-साथ जीडीपी के 10 प्रतिशत तक वृद्धि का सुझाव दिया। केजरीवाल ने मध्यम वर्ग पर भारी वित्तीय बोझ का हवाला देते हुए आयकर छूट सीमा को 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की भी मांग की।

एक अन्य मांग आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी हटाने की थी, जिसके बारे में केजरीवाल ने तर्क दिया कि इससे मध्यम वर्ग के परिवारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने निजी और सरकारी दोनों अस्पतालों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य सेवा सहित अधिक मजबूत सेवानिवृत्ति योजनाओं की भी वकालत की। इसके अतिरिक्त, उन्होंने केंद्र सरकार से वरिष्ठ नागरिकों के लिए ट्रेन किराए पर 50 प्रतिशत की छूट को फिर से शुरू करने का आग्रह किया, जिसे हाल के वर्षों में बंद कर दिया गया था।

केजरीवाल ने स्वतंत्रता के बाद से मध्यम वर्ग को गुलाम मानसिकता में बदलने के लिए राजनीतिक दलों की आलोचना की। उन्होंने वादा किया कि आप सांसद आगामी संसदीय सत्रों में मध्यम वर्ग की आवाज उठाएंगे और उनके मुद्दों को राजनीतिक चर्चा का केंद्र बनाने की कसम खाएंगे। यह घोषणा 5 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले की गई है, जिसके नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। आम आदमी पार्टी, जिसने 2020 में 70 विधानसभा सीटों में से 62 सीटें जीती थीं, लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही है।

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