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संगम में अब तक दस करोड़ ने डुबकी लगायी

महाकुंभ के शानदार आयोजन ने नया विश्वरिकार्ड बनाया

  • 144 साल बाद आया है यह त्योहार

  • सरकार को 45 करोड़ के आने का अनुमान

  • इस बार देश के साथ साथ विदेशी भी शामिल

महाकुंभ नगरः महाकुंभ के अवसर पर मोक्ष की अभिलाषा के साथ देश दुनिया के विभिन्न अंचलों से आकर तीर्थराज प्रयागराज में त्रिवेणी में पवित्र डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या गुरुवार दोपहर तक दस करोड़ के आंकड़े को पार कर चुकी थी। मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतो, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्रानार्थियों और गृहस्थों के स्रान का यह नया रिकॉर्ड है।

महाकुंभ में प्रतिदिन लाखों की संख्या श्रद्धालु पुण्य स्रान का फल प्राप्त कर रहे हैं। सरकार पहले ही 45 दिन तक चलने वाले महापर्व के दौरान 45 करोड़ श्रद्धालुओं के यहां आने का अनुमान व्यक्त कर चुकी है जिसमें अकेले मौनी अमावस्या स्रान पर्व पर ही दस करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज आगमन के आसार हैं।

गंगा की रेती पर हजारों कदम चलने के बाद त्रिवेणी के पावन जल में डुबकी लगाने वालों के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है। गुरुवार दोपहर 12 बजे तक 30 लाख लोगों ने त्रिवेणी संगम में स्रान कर लिया। इसमें 10 लाख कल्पवासियों के साथ-साथ देश विदेश से आए श्रद्धालु एवं साधु-संत शामिल रहे। इसके साथ ही महाकुंभ में 10 करोड़ स्रानार्थियों की संख्या भी पार कर गई।

पूरे महाकुंभ मेला क्षेत्र में भक्तों का तांता लगा रहा। देश के विभिन्न प्रान्तो और विश्व के अनेक देशों से आए श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्रान किया। संगम के तटों पर इस समय पूरे देश की विविध संस्कृतियों की झलक देखने को मिल रही है। ऊंच नीच, जात पात, पंथ से ऊपर उठकर लोग संगम स्रान कर एकता के महाकुंभ के संकल्प को साकार कर रहे हैं।

अब तक के कुल स्रानार्थियों की संख्या का विश्लेषण करें तो 23 जनवरी तक 10 करोड़ से ज्यादा लोग संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। सर्वाधिक 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्रान किया था, जबकि पौष पूर्णिमा के स्रान पर्व पर 1.7 करोड़ से ज्यादा लोगों ने पावन डुबकी लगाई थी। इसके अलावा प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु पुण्य स्रान कर रहे हैं।

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