उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर सत्ता पक्ष नाराज
-
डॉ संबित पात्रा ने प्रेस कांफ्रेंस की
-
सोनिया गांधी का इससे रिश्ता है
-
अब धनखड़ के खिलाफ गंदा खेल
राष्ट्रीय खबर
नयी दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी ने आज आरोप लगाया कि उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव जॉर्ज सोरोस प्रायोजित एफडीएल-एपी फाउंडेशन के खेल का हिस्सा है। भाजपा के प्रवक्ता एवं सांसद डॉ संबित पात्रा ने यहां पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विगत कुछ दिनों से आप देख रहे हैं कि राजनीतिक परिदृश्य किस प्रकार से उथल-पुथल में है।
एक तरफ संविधान की चर्चा की ओर भारत का सदन बढ़ रहा है। वहीं एक बात स्पष्ट होती जा रही है कि कांग्रेस पार्टी के मन और कर्म में कहीं भी संविधान के प्रति सम्मान का भाव नहीं है। डा.पात्रा ने कहा कि आज सुबह से मीडिया में हम देख रहे हैं कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के कुछ घटक दल ईवीएम और चुनाव आयोग को लेकर उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल करेंगे।
और दूसरी खबर यह है कि राज्यसभा के चैयरमेन और देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि ये दोनों खबरें विचलित करने वाली हैं और भारत के संविधान को कुचलने वाली हैं। पहली बार राज्यसभा में भारत के उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस विपक्ष द्वारा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि सोरोस फाउंडेशन से पैसा लेकर देश को अस्थिर करने का जो षड्यंत्र है, उसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पूरा गांधी नेहरू परिवार संलिप्त है। जब इस विषय को संसद और संसद के बाहर उठाया गया तो आनन-फानन में इस विषय से अपने आप को दूर करने के लिए और भटकाने के लिए ये अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास कांग्रेस और उनके कुछ साथी दलों ने किया है।
डॉ. पात्रा ने कांग्रेस पार्टी और उसके कुछ साथियों ने तय किया है कि अब हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव नतीजों के बाद वे चुनाव आयोग और ईवीएम की प्रणाली को उच्चतम न्यायालय में घसीटेंगे। उन्होंने कहा, हम पहले ही एफडीएल-एपी फाउंडेशन के सोनिया गांधी से संबंध और इस तथ्य को उजागर कर चुके हैं कि इसे जॉर्ज सोरोस से धन प्राप्त हुआ था।
यह फाउंडेशन पूरी तरह से भारत विरोधी है और इसका उद्देश्य कश्मीर को भारत से अलग करना है। कांग्रेस पार्टी ने किसी को भी नहीं बख्शा, यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी नहीं, और अब वे उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ जी के खिलाफ भी वही खेल खेल रहे हैं।