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झारखंड और बिहार के अफसरों की कृपा पर वसूली का कारोबार

बिहार में मामला पर झारखंड में सरकारी बॉडीगार्ड

  • फ़ोटो सेशन का सामान बना सरकारी कार्बाइन

  • सुरक्षा गार्ड लेकर लोगों को धमकाना आम बात

  • असली व्यापार के बारे में अनजान हैं लोग

राष्ट्रीय ख़बर

रांची/ पटना : राजधानी में हाकिमों के मेहरबान होने के किस्से कई बार सुर्खियां बनें हैं। जिसमें अधिकारी-माफिया गठजोड़ की कई बेमिसाल कहानियां तो नेपथ्य में हीं रह जाती हैं। कुछ ऐसी हीं कहानी है राणा राहुल सिंह की। जो सरकारी अंगरक्षक का इस्तेमाल समाज में भय व रसूख का वातावरण बनाने में कर रहा है।

कभी पशु माफिया रहा राहुल का मुख्य कार्य ठगी करना तथा बिहार-झारखंड में स्वयं को झारखंड सरकार का वरीय पदाधिकारी बताकर भय और उगाही का माहौल बनाना है। हो भी तो क्यों नहीं, आखि़र साहब जो मेहरबान हैं। वह लोगों को बड़े अधिकारियों से फ़ोन पर हुए वार्तालाप और व्हाट्सएप डिटेल्स दिखाकर लोगों को बड़े हीं आराम से चंगुल में फंसा लेता है।

बाकी बचा कसर सरकारी सुरक्षाकर्मी पूरा कर देता है। सरकारी अंगरक्षक फ़ोटो और वीडियो बनाने के लिए अपना कार्बाइन तक किसी शख्स को देने में भी नहीं हिचकता। इन सबके बीच यह हैरत की बात है कि ऐसे शातिर जिसपर वारंट तक निर्गत है, उसे सरकारी अंगरक्षक किन परिस्थितियों में दिया गया है।

छानबीन से पता चला ह  कि उसका घर बिहार के जिला नालंदा अंतर्गत सरमेरा थाना के मलावा में है। जो रांची स्थित लालपुर थानाक्षेत्र के वीमेंस कॉलेज के निकट किराए के मकान में रहता है। हमारे सूत्रों के अनुसार खुद को पशु और जमीन व्यवसाई बताने वाले राहुल का इस व्यवसाय से भी कोई लेना देना नहीं है।

दरअसल, राहुल की पहचान अपराध और अपराधियों को संरक्षण देने तथा नाना प्रकार के अवैध कार्यों के लिए है। शादी समारोहों में हर्ष फायरिंग करते हुए उसके वीडियो भी आम हुए हैं। वहीं किसी को धमकी देना उसके लिए बाएं हाथ का काम है। शातिर के तार बिहार-झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल तथा नागालैंड से भी जुड़े होने की ख़बर है। पश्चिम बंगाल से वहां की पुलिस ने राहुल का वारंट तक जारी कर दिया है। बावजूद इसके अपनी तगड़ी सेटिंग के बदौलत वह बेरोकटोक अपने काले-करतूतों को अंजाम दे रहा है।

अधिकारी और माफिया के इस जबर्दस्त जुगलबंदी मामला का निगरानी पूर्वक निष्पक्ष जांच होने के बाद कई अहम राज खुलने की संभावना है। गोपनीय सूत्रों की मानें तो राहुल अव्वल दर्जे का अय्याश और कई तरह के अवैध धंधों में लिप्त है। जो जांच का विषय है।

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