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सरकार और अफसरशाही ही झारखंड को लूटने पर आमादाः राजेंद्र प्रसाद

रांचीः झारखण्ड राज्य झारखण्डियों का  शहादत और बलिदान से मिला है। झारखंड राज्य बनाने का उद्देश्य झारखण्डियों व राज्य का विकास करना मुल उद्देश्य था। लेकिन राज्य बनने के बाद झारखंड को भ्रष्टाचारियों ,लुटेरों, और दलालों के हवाले कर दिया गया और विकास के जगह विनाश होते रहा।

उक्त बातें मूलवासी सदान मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद ने आज होटल सिटी पैलेस में एक संवाददाता सम्मेलन में कही। मोर्चा अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि मूलवासी सदान जन जातियों के हक को सुनने का काम होने लगा। अधिकारी अपने काला कमाई को जमीन में इन्वेस्ट कर रहे हैं।

प्रसाद ने कहा कि जमीन संबंधित सभी नियम कानून को ताक में रखकर अधिकारी माफियाओं के साथ गठजोड़ कर मूलवासी शदान और आदिवासियों के भूमि पर नजर कराने लगे जिसका परिणाम सेना के भूमि तक को बेच दिया गया। उन्होंने कहा इस कार्य में सरकार की भी संलिप्तता रही है।

सरकार में बैठे लोगों की कमजोरी और इच्छाशक्ति के कमी के कारण ही ब्यूरोक्रेट्स बेलगाम हो गए हैं। उन्होंने कहा सरकार की मिलीभगत के बिना ब्यूरोक्रेट्स लूट को अंजाम नहीं दे सकते हैं।  प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री व्यक्तिगत रूप से व्यवहार कुशल व्यक्ति हैं लेकिन जो राज्य में हो रहा है उसकी जिम्मेदारी उन्हीं की बनती है।

प्रसाद ने कहा जब तक राज्य में एक ईमानदार और झारखंड को की अधिकार की रक्षा करने वाले इच्छाशक्ति वाले मुख्यमंत्री राज्य में नहीं बनेगा तब तक झारखंड का दुर्दशा होते रहेगा। प्रसाद ने कहा मुख्यमंत्री अपना भूल सुधार करें और जो भी आईएएस  लूट- खसोट और भ्रष्टाचार शामिल हैं।

उन को बर्खास्त करने के लिए मुख्यमंत्री केंद्र सरकार को तुरंत अनुशंसा भेजें। प्रसाद ने यह भी कहा कि जांच करने के बाद आयुक्त के द्वारा उपायुक्त के ऊपर करवाई करने की अनुशंसा की राज्य सरकार से करती है और इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है।  उन्होंने कहा कि ईडी इसकी भी जांच करे कि सरकार में बैठे किन लोगों के कारण उपायुक्त पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।

CNT act St act होते हुए भी आदिवासियों और मूलवासी सदानों की जमीन को लूटी गई और कब्जा किया गया।  नियम के तहत कब्जा की गई जमीन को वापस सरकार कराए। प्रसाद ने कहा कि जिन अधिकारियों और दलालों ने सेना की जमीन को बेची है उसके ऊपर देशद्रोही का मुकदमा दर्ज हो और उन्हें राज्य से बाहर तड़ीपार करने की मांग की है ।प्रसाद ने सरकार से जमीन का रिकॉर्ड ऑफ राइट्स बनाने की मांग की।

नियोजन नीति पर बोले राजेन्द्र प्रसाद सरकार को 1932 और 1964 के खतियान आधारित नियोजन नीति नहीं बना पा रही है, तब तक 3 मार्च 1982 के संयुक्त बिहार में बने नियोजन नीति को ही झारखंड में लागू करे जो खतियान आधारित है। सरकार झारखण्डियों  को गुमराह ना करे।

प्रसाद ने कहा कि जब तक कोई ऐसा व्यक्ति राज्य का मुख्यमंत्री नहीं बन जाता है जो जाति धर्म परिवार और व्यक्तिगत हित से उठकर झारखंड के मूल निवासियों के हित की बात सोची तब तक झारखंड का कल्याण  नहीं हो सकता। प्रसाद ने कहा कि मूलवासी सदान मोर्चा का गठन इसी उद्देश्य के लिए किया गया है। उन्होंने मूलवासियों को एक मंच पर आकर राज्य को बचाने का आह्वान किया।

पद्मश्री मुकुल नायक ने कहा हक अधिकार से हम झारखंडी बेदखल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मूलवासी सदान मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद झारखण्ड और झारखण्डियों के अधिकारों के लिए सजग प्रहरी का काम कर रहा हैं।

पद्मश्री मधु मंसूरी ने कहा झारखंड राज्य में जमीन का लूट खनन का लूट रोजगार का लूट मचा हुआ है अब इसे हम बर्दाश्त नहीं करेगें। झारखंड आंदोलनकारी व कवि क्षितीश कुमार राय  अपने कविता में कहा लुएट लेलेन सब अन धन हमरे पर नीत शोषण ,करें अफसरें। संवाददाता सम्मेलन है महेंद्र ठाकुर, विशाल कुमार सिंह हरीश ठाकुर भी उपस्थित थे।

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