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संसदीय समिति ने 24 को सेबी प्रमुख को बुलाया

अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद के बीच सरकार की नई परेशानी

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने देश में शीर्ष विनियामक प्राधिकरणों के कामकाज की समीक्षा करने का फैसला किया है और 24 अक्टूबर को सेबी और ट्राई के प्रमुखों को बयान के लिए बुलाया है। वित्त मंत्रालय, (आर्थिक मामलों के विभाग) और संचार मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों को भी प्रमुख संसदीय समिति के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा गया है।

सूत्रों के अनुसार भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी के प्रतिनिधि भी समिति के समक्ष उपस्थित हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार संसदीय व्यवहार में अघोषित परंपरा यह है कि जब भी बुलाया जाता है, संस्थानों के प्रमुखों को संसदीय समिति की ब्रीफिंग में उपस्थित होना पड़ता है।

इस संसदीय समिति की बैठक अमेरिकी शोध निकाय हिंडनबर्ग द्वारा सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के खिलाफ अडाणी समूह के साथ उनके कथित संबंधों को लेकर लगाए गए आरोपों पर उठे विवाद के बीच हो रही है।

पीएसी की 24 अक्टूबर की बैठक के आधिकारिक एजेंडे में कहा गया है, वित्त मंत्रालय (आर्थिक मामलों का विभाग) और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रतिनिधियों द्वारा संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित विनियामक निकायों के निष्पादन की समीक्षा विषय पर मौखिक साक्ष्य के बाद ऑडिट द्वारा ब्रीफिंग की जाएगी।

इसमें यह भी कहा गया है, संचार मंत्रालय, दूरसंचार विभाग और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण के प्रतिनिधियों द्वारा संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित विनियामक निकायों के निष्पादन की समीक्षा’ विषय पर मौखिक साक्ष्य।

कांग्रेस ने इससे पहले अगस्त में हिंडनबर्ग द्वारा सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन किया था, जिन्होंने किसी भी गलत काम से इनकार किया है।

कांग्रेस ने सेबी प्रमुख के पद से उनके इस्तीफे की भी मांग की। हिंडनबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि बुच के पास अडाणी समूह की कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी अपतटीय संस्थाओं में हिस्सेदारी है। हिंडेनबर्ग ने यह भी कहा कि अडाणी पर अपनी रिपोर्ट के 18 महीने बाद भी सेबी ने अडाणी के खिलाफ आरोपों में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। अडाणी समूह और बुच जोड़ी ने आरोपों से इनकार किया है।

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