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उपद्रवियों का तांडव, दुर्गा और शिव मंदिर में लगाई आग

जनजातीय निकायों ने लोगों से 2 कुकी-जो क्षेत्रों से बाहर न जाने को कहा

  • एक महीने में मंदिर पर हमले का दूसरा मामला

  • नगा संगठनों ने मंदिर पर हमले की निंदा की

  • राज्य सरकार पर गलत सूचना फैलाने का आरोप

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी : मणिपुर के सेनापति बाजार में एक दुर्गा मंदिर में उपद्रवियों ने तड़के आग लगा दी। मंदिर परिसर में आग के फैलने से पहले स्थानीय लोगों ने इसे काबू में कर लिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि उपद्रवियों ने आग लगाने और वहां से भागने के बाद दान पेटी भी चुरा ली। स्थानीय लोगों ने दावा किया कि ये किसी अपराधिक गिरोह का काम नहीं है। उन्होंने एक जातीय संगठन पर वारदात को अंजाम देने का आऱोप लगाया है।

सोशल मीडिया पर वायरल एक अन्य खबर के मुताबिक, मणिपुर के सेनापति जिले में भगवान शिव के एक मंदिर को आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया गया। तड़के सुबह हुई ये घटना मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। सीसीटीवी फुटेज में उपद्रवियों को मंदिर के कैंपस के अंदर एक दरवाजे की ओर जलती हुई लकड़ियों को फेंकते हुए देखा जा सकता है। मणिपुर में मंदिर पर ये दूसरा हमला था।

नगा पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (एनपीओ) और करोंग-सेनापति टाउन कमेटी (केएसटीसी) ने एक संयुक्त बयान जारी कर श्री श्री पशुपति नाथ मंदिर पर हमले की निंदा की। स्थानीय सूत्रों को संदेह है कि आगजनी का उद्देश्य क्षेत्र में सांप्रदायिक और जातीय तनाव को भड़काना था। राज्यसभा सांसद महाराजा सानाजाओबा लीशेम्बा ने घटना की निंदा की। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की।

मणिपुर में कुकी-जो आदिवासियों पर हमले की आशंका के चलते स्वदेशी आदिवासी नेताओं के मंच (आईटीएलएफ) समेत विभिन्न आदिवासी संगठनों ने लोगों से 26 से 29 सितंबर के बीच कुकी-जो बहुल इलाकों से बाहर न जाने को कहा है। एक आपातकालीन बैठक के बाद आईटीएलएफ ने 26 से 29 सितंबर के दौरान सीमाओं (कुकी-जो समुदाय और मैतेई आबादी वाले इलाकों के बीच) को बंद करने, 27 से 29 सितंबर तक स्कूलों, संस्थानों और कार्यालयों को बंद करने और कुकी-जो समुदाय के आदिवासियों के इलाकों में 28 सितंबर को पूरी तरह बंद रखने की घोषणा की है।

जनजातीय निकाय ने अपने बयान में दावा किया कि मणिपुर सरकार ने इस महीने की शुरुआत में अत्यधिक उन्नत एमएमजी एमके 2ए1 हथियार जमा किए थे। बयान में कहा गया है, “हाल ही में, मणिपुर सरकार के सलाहकार कुलदीप सिंह ने 28 सितंबर को होने वाले हमले के बारे में संकेत दिए थे।

इससे पहले, मणिपुर सरकार द्वारा जिरीबाम में 200 कुकी उग्रवादियों की मौजूदगी की घोषणा के तुरंत बाद कुकी-जो पर हमला हुआ था। सोशल मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कुलदीप सिंह ने कहा था कि लगभग 900 अच्छी तरह से प्रशिक्षित कुकी उग्रवादियों ने म्यांमार से मणिपुर में घुसपैठ की है।

मणिपुर ट्राइबल्स फोरम दिल्ली ने बुधवार को मणिपुर सरकार पर कुकी-जो समुदायों के बारे में गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया और केंद्र से हस्तक्षेप करने और उनके खिलाफ पक्षपात और अन्याय को दूर करने का आग्रह किया।यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, मणिपुर ट्राइबल्स फोरम दिल्ली के सदस्यों ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा संचालित एकीकृत कमान का नियंत्रण देने का भी विरोध किया। इस बीच मणिपुर सरकार ने अपनी उस पूर्व सूचना को भी वापस ले लिया, जिसमें म्यांमार सीमा पार कर नौ सौ कुकी उग्रवादियों के मणिपुर में आने का दावा किया गया था।

 

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