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विपक्ष के बाद अब राजग सहयोगी भी लेटरल एंट्री के खिलाफ

यह प्रथा गलत सरकार के समक्ष उठायेंगेः चिराग पासवान

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः कांग्रेस, सपा और बसपा के बाद अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सहयोगी भी यूपीएससी में लेटरल एंट्री के खिलाफ बोलने लगे हैं। लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान ने यूपीएससी में लेटरल एंट्री को पूरी तरह गलत बताया, कहा सरकार के समक्ष उठाएंगे मामला।

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और हाजीपुर से सांसद चिराग पासवान ने सोमवार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में लेटरल एंट्री को पूरी तरह गलत बताया और कहा कि वह इस मुद्दे को सरकार के समक्ष उठाने की योजना बना रहे हैं। संघ लोक सेवा आयोग ने 17 अगस्त को एक विज्ञापन जारी कर केंद्र सरकार के 24 मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के पदों पर लेटरल भर्ती के लिए प्रतिभाशाली और प्रेरित भारतीय नागरिकों से आवेदन मांगे थे।

नौकरशाही में 45 पदों पर लेटरल एंट्री की आलोचना करने वाले पासवान एनडीए के पहले सहयोगी हैं। इस मुद्दे पर अपनी पार्टी के रुख पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि लोजपा ऐसी नियुक्तियों के बिल्कुल पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा, जहां भी सरकारी नियुक्तियां होती हैं, वहां आरक्षण के प्रावधानों का पालन किया जाना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से यह मामला प्रकाश में आया है, वह उनके लिए चिंता का विषय है, क्योंकि उनकी पार्टी सरकार का हिस्सा है और उनके पास इन मुद्दों को सामने लाने के लिए मंच है। इससे पहले आज, कांग्रेस ने लैटरल एंट्री मुद्दे पर अपना हमला जारी रखा, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इसे दलितों, ओबीसी और आदिवासियों पर हमला बताया। उन्होंने कहा, भाजपा का रामराज्य का विकृत संस्करण संविधान को नष्ट करने और बहुजनों से आरक्षण छीनने का प्रयास करता है।

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