कर्नाटक के अफसर ने मामला दर्ज कराया
राष्ट्रीय खबर
बेंगलुरुः कर्नाटक के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने प्रवर्तन निदेशालय के दो अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया है।
उन पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, राज्य के एक पूर्व मंत्री और कुछ अन्य लोगों को इस साल की शुरुआत में सामने आए वाल्मीकि निगम घोटाले में फंसाने के लिए उन पर दबाव डाला।
इस शिकायत से कांग्रेस और विपक्षी दलों को राहत मिलने की उम्मीद है, जो केंद्रीय जांच एजेंसियों पर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के आदेश पर विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाते हैं।
राज्य के समाज कल्याण विभाग के अतिरिक्त निदेशक कलेश बी ने आरोप लगाया कि उन्हें कथित वाल्मीकि घोटाले की जांच के सिलसिले में 16 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था।
उन्हें 18 जुलाई को कुछ फाइलें लेकर वापस आने के लिए कहा गया था। उन्होंने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में कहा कि इसके बाद अधिकारियों ने उनसे मुख्यमंत्री और पूर्व मंत्री बी नागेंद्र का नाम बताने को कहा, जिन्हें इस मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है और कुछ अन्य लोगों का भी नाम बताने को कहा।
उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि अधिकारियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और ऐसा न करने पर उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी दी। उन्होंने जिन ईडी अधिकारियों का नाम लिया उनमें मुरली कन्नन और एक अधिकारी मित्तल शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि मुरली कन्नन ने उनसे पूर्व मंत्री बी नागेंद्र, सर्वोच्च अधिकारी (जाहिर तौर पर सीएम सिद्धारमैया का जिक्र करते हुए) और वित्त विभाग का नाम बताने को कहा। इसके बाद श्री कल्लेश ने बेंगलुरु के विल्सन गार्डन पुलिस स्टेशन में पुलिस से संपर्क किया और उनसे कार्रवाई करने को कहा।
दर्ज मामलों में उन पर एक समान इरादे से संयुक्त आपराधिक दायित्व, आपराधिक धमकी और शांति भंग करने के इरादे का आरोप लगाया गया है। सरकारी अधिकारी के आरोप पिछले सप्ताह मंत्रियों के एक समूह द्वारा मीडिया को बताए गए आरोपों के अनुरूप हैं। गुरुवार को राज्य के पांच मंत्रियों ने दावा किया कि ईडी वाल्मीकि घोटाले में गिरफ्तार लोगों को मुख्यमंत्री और उनके उपमुख्यमंत्री का नाम बताने के लिए मजबूर कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसका मकसद राज्य की निर्वाचित सरकार को अस्थिर करना है।
मीडिया कॉन्फ्रेंस में शामिल होने वाले मंत्रियों में कृष्णा बायरे गौड़ा, केजे जॉर्ज, प्रियांक खड़गे, दिनेश गुंडू राव और संतोष लाड शामिल थे। गत 21 मई को निगम के लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी के मृत पाए जाने के बाद कथित घोटाले का पता चला। उन्होंने एक कथित सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें निगम से विभिन्न बैंक खातों में अवैध रूप से धन हस्तांतरित करने का आरोप लगाया गया था।
कर्नाटक सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल के अलावा, सीबीआई भी कथित 187 करोड़ रुपये के गबन की जांच कर रही है। एजेंसी ने संभावित मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय को शामिल किया है। ईडी ने श्री नागेंद्र और वाल्मीकि निगम के अध्यक्ष और विधायक बसनगौड़ा दद्दाल से जुड़े स्थानों पर तलाशी ली है। ईडी ने बी नागेंद्र को गिरफ्तार किया है, जो वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है।