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दोनों खेमा के प्रत्याशियों ने लोकसभा अध्यक्ष का पर्चा भरा

आपसी चर्चा के बाद भी अंतत: नहीं बनी सर्वसम्मति की बात


  • भाजपा की तरफ से ओम बिड़ला प्रत्याशी

  • इंडिया गठबंधन ने के जी सुरेश को खड़ा किया

  • राजनाथ सिंह के फोन का भी खुलासा हो गया


नयी दिल्ली: 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के ओम बिरला और कांग्रेस के के. सुरेश ने नामांकन पत्र दाखिल किया है। इंडिया समूह ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहले इंडिया समूह को लोकसभा उपाध्यक्ष पद देने का वादा कर सबके सहयोग से सरकार चलाने की बात की थी लेकिन अब वह उपाध्यक्ष पद भी विपक्षी गठबंधन को देने को तैयार नहीं है।

इसलिए विपक्षी गठबंधन ने लोकसभा अध्यक्ष के लिए अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा है। संख्याबल के मुताबिक भाजपा प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित है पर पहली बार हो रहे लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव यह तय कर देगा कि इस बार मोदी सरकार को हर फैसले के लिए विपक्ष की कड़ी चुनौतियों के बीच से गुजरना पड़ेगा.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने श्री मोदी पर आरोप लगाया है कि वह सबके साथ चलकर सहमति की बात करते हैं लेकिन उनके काम इसके ठीक विपरीत होते हैं। उन्होंने कहा देश भविष्य की ओर देख रहा है, आप अपनी कमियाँ छिपाने के लिए अतीत को ही कुरेदते रहते हैं। पिछले 10 वर्षों में 140 करोड़ भारतीयों को आपने जो अघोषित आपातकाल का आभास करवाया उसने लोकतंत्र और संविधान को गहरा आघात पहुँचाया है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा नरेन्द्र मोदी कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं। ये इनकी रणनीति है लेकिन इन्हें इसे बदलना ही पड़ेगा। क्योंकि पूरा देश जानता है कि श्री मोदी के शब्दों का कोई मतलब नहीं है। कल राजनाथ सिंह जी ने मल्लिकार्जुन खडगे जी को फोन किया और कहा कि आप हमारे स्पीकर पद के उम्मीदवार का समर्थन कीजिए।

हम स्पीकर का समर्थन करने को तैयार हैं लेकिन संसदीय परंपरा के अनुसार उपसभापति विपक्ष का होना चाहिए। संयुक्त प्रगतिशील सरकार में भी यही हुआ था। राजनाथ सिंह जी ने कहा कि वह दोबारा फोन करेंगे लेकिन अभी तक फोन नहीं आया। नीयत साफ नहीं है, नरेन्द्र मोदी कोई कंस्ट्रक्टिव कोऑपरेशन नहीं चाहते हैं।

इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि अगर विपक्ष को उपसभापति का पद दिया गया तो वह (विपक्ष) स्पीकर के लिए सरकार की पसंद का समर्थन करेगा।  श्री गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, मुझे अखबारों के जरिए पता चला है कि प्रधानमंत्री ने विपक्ष से सरकार के साथ रचनात्मक सहयोग करने को कहा है।

खड़गे जी को फोन आया था जिसमें उन्होंने स्पीकर का समर्थन करने को कहा था। पूरे विपक्ष ने कहा कि हम विपक्ष का समर्थन करेंगे लेकिन परंपरा यह है कि उपसभापति का पद विपक्ष को दिया जाना चाहिए।अगर सरकार विपक्ष को उपसभापति का पद देती है तो विपक्ष स्पीकर का पूरा समर्थन करेगा।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह (श्री मोदी) खुद की कमियों को छिपाने के लिए अतीत में खुदाई करते रहते हैं जबकि पिछले 10 वर्षों में 140 करोड़ भारतीयों पर लगाये गये  अघोषित आपातकाल ने लोकतंत्र और संविधान को गहरा झटका दिया है।

श्री खड़गे ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, देश भविष्य की ओर देख रहा है। उन्होंने सवाल किया कि पार्टियों को तोड़ना, पिछले दरवाजे से चुनी हुई सरकारों को गिराना, 95 प्रतिशत विपक्षी नेताओं पर ईडी, सीबीआई, आईटी का दुरुपयोग करना, यहां तक कि मुख्यमंत्री को जेल में डालना और चुनाव से पहले सत्ता का इस्तेमाल करके समान अवसर को खराब करना – क्या यह अघोषित आपातकाल नहीं है।

सवालों की झड़ी करते हुए उन्होंने कहा, श्री मोदी सहमति और सहयोग की बात करते हैं, लेकिन उनके काम इसके उलट हैं। जब विपक्ष के 146 सांसदों को संसद से निलंबित किया गया और आपराधिक न्याय प्रणाली को बदलने के लिए तीन कानून पारित किये गये, तब सहमति शब्द कहां था। विपक्ष से पूछे बिना महान हस्तियों की मूर्तियों को जब संसद परिसर के एक कोने में शिफ्ट कर दिया गया, तब सहमति शब्द कहां था। जब 15 करोड़ किसान परिवारों पर तीन काले कानून थोपे गए और उन्हें महीनों तक सड़क पर बैठने के लिए मजबूर किया गया, तब सहमति शब्द कहां था।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, चाहे वह नोटबंदी हो, जल्दबाजी में लागू किया गया लॉकडाउन हो या फिर चुनावी बांड कानून हो, ऐसे सैकड़ों उदाहरण हैं, जिन पर मोदी सरकार ने सहमति या सहयोग का इस्तेमाल ही नहीं किया। विपक्ष की तो बात ही छोड़एि, अपने ही नेताओं को अंधेरे में रखा गया। उन्होंने कहा भारतीय जनता पार्टी ने लोकतंत्र और संविधान को बर्बाद कर दिया है जबकि कांग्रेस ने हमेशा लोकतंत्र एवं संविधान का समर्थन किया है और आगे भी करती रहेगी।

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