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दो निर्दोष लोगों की मौत के बाद अब कर्फ्यू लगा

मणिपुर में फिर भड़की हिंसा की आग, 70 से ज्यादा घरों में आगजनी


  • जिरीबाम में पुलिस चौकी और कई घरों में आग

  • बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के सुरक्षा बल तैनात

  • 200 से अधिक लोगों को राहत शिविर पहुंचाया गया

  • हथियारों और गोला-बारूद का जखीरा बरामद किया


भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी :असम की सीमा पर स्थित मणिपुर के जिरीबाम जिले में भारी तनाव के बीच एक समुदाय विशेष के 70 से अधिक घर जला दिये गये हैं। दो मासूम लोगों के मारे जाने के बाद लोग गुस्से में हैं। असम से सटे मणिपुर के जिरीबाम और तामेंगलोंग जिलों में संदिग्ध सशस्त्र हमलावरों’ द्वारा 59 वर्षीय व्यक्ति की हत्या के विरोध में भड़के विरोध प्रदर्शनों के बाद अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है।

कुछ परित्यक्त इमारतों में आग लगाने के बाद स्थानीय लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग ने जिरीबाम में अपने लाइसेंसी आग्नेयास्त्रों को वापस करने की मांग की। हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के मद्देनजर हथियार जमा कर दिए गए थे। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।

अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि इलाके में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। मणिपुर पुलिस के कमांडो भी तैनात किये गये हैं। जिरीबाम में गुरुवार की रात संदिग्ध हथियारबंद हमलावरों द्वारा 59 वर्षीय सोइबाम सरतकुमार सिंह की हत्या के बाद जिरीबाम और पड़ोसी तामेंगलौंग जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया था।पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को इम्फाल में बताया कि कथित तौर पर हथियारबंद हमलावरों ने जिरीबाम जले के लामताई खुनोऊ, दिबोंग खुनोऊ, नुनखल और बेगरा गांवों में एक विशेष समुदाय के घरों को जला दिया गया।

मणिपुर के जिरीबाम जिले में शनिवार को संदिग्ध उग्रवादियों ने एक पुलिस चौकी और कई घरों में आग लगा दी। जिरीबाम जिले में हिंसा भड़कने के बाद मैतेई समुदाय के 200 से अधिक लोगों को एक नए राहत शिविर में ले जाया गया है। यह अशांति कथित तौर पर उग्रवादियों द्वारा एक व्यक्ति की हत्या के बाद शुरू हुई। प्रभावित व्यक्ति वर्तमान में जिरी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में रह रहे हैं, क्योंकि संदिग्ध उग्रवादियों ने लमताई खुनौ, डिबोंग खुनौ, ननखाल और बेगरा जैसे गांवों में उनके घरों में आग लगा दी थी।

जिरीबाम के जिलाधिकारी ने बताया कि जिरीबाम के बाहरी इलाके के कई घरों में आग लगा दी गई, हालांकि अभी सटीक संख्या की पुष्टि नहीं की जा सकती।मेइती समुदाय के सोइबाम सरतकुमार सिंह की हत्या के बाद हिंसा भड़कने पर समुदाय के 200 से अधिक लोगों ने नये बने राहत शिविर में शरण ली है।

स्थिति सामान्य करने के लिए जिरीबाम जिले में असम राइफल्स, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और मणिपुर पुलिस ने एक संयुक्त नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। जिरीबाम और पड़ोसी तामेंगलौंग जिलों में मणिपुर पुलिस और केंद्रीय बलों की भारी तैनाती की गई है। पुलिस ने बताया कि उग्रवादियों के खिलाफ सुरक्षा अभियान में सहायता के लिए मणिपुर पुलिस की एक कमांडो टुकड़ी को शनिवार सुबह इंफाल से जिरीबाम भेजा गया।

जिरीबाम जिले में हुई हत्या से यहां ताजा जातीय हिंसा भड़क उठी है जबकि अभी तक यह क्षेत्र हिंसा से अप्रभावित रहा था। मणिपुर में पिछले साल से मई से जारी हिंसा से अब तक जिरीबाम अप्रभावित रहा है। यहां भी मेइती, मुस्लिम, नागा, कुकी और गैर-मणिपुरी लोग रहते हैं। सुरक्षा बलों ने पहाड़ी और घाटी जिलों के सीमांत और संवेदनशील क्षेत्रों में तलाशी अभियान और क्षेत्र वर्चस्व चलाया। इन अभियानों के दौरान, उन्होंने स्थानीय रूप से निर्मित पोम्पी मोर्टार, मैगज़ीन के साथ एक एसएमजी कार्बाइन, मैगज़ीन के साथ एक .303 राइफल, लगभग 1.5 किलोग्राम वजन का एक आईईडी, शेल कवर के साथ दो मोर्टार आईएलयू गोले, पाँच 36 एचई ग्रेनेड, छह डेटोनेटर, एक टेलीस्कोपिक साइट, एक ट्यूब लॉन्चिंग ग्रेनेड और बिष्णुपुर जिले के टेराखोंगशांगबी संथोंग गैप से बारह जीवित गोला बारूद सहित कई सामान बरामद किए।

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