रात के अंधेरे में पश्चिम बंगाल में रेमल तूफान से तबाही
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निचले इलाके से लोग हटाये गये थे
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तट पर आने के बाद तेज हुई रफ्तार
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भीषण वर्षा से बाढ़ जैसे हालात भी
राष्ट्रीय खबर
कोलकाता / ढाका: पश्चिम बंगाल में रेमल चक्रवात के कारण दो महिलाओं की मौत हो गयी तथा बीती रात लगातार भारी बारिश होने और 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के कारण सोमवार को सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इसके बाद यह चक्रवाती तूफान बांग्लादेश पहुंचा। वहां पर भी इस प्राकृतिक आपदा की वजह से सात लोगों के मारे जाने की सूचना है।
तूफान से कोलकाता के कुछ हिस्सों में पानी भर गया। इसके अलावा राज्य में सैकड़ों पेड़ उखड़ गए और बिजली के खं•ो गिर गए। मध्य कोलकाता के एंटली इलाके के बीबीबागान इलाके में दीवार गिरने से एक महिला की मौत हो गयी। वहीं, दक्षिण 24 परगना जिले के नामखाना में एक पेड़ गिरने से उसके नीचे दबने से एक और महिला की मौत होने की खबर है, लेकिन अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
प्रारंभिक रिपोर्टों में कहा गया है कि रेमल के पश्चिम बंगाल और उससे सटे बंगलादेश के तटों के बीच टकराने से घर ढहने या उड़ते हुए मलबे की चपेट में आने से कई लोग घायल हो गए। गौरतलब है कि राज्य सरकार पहले ही निचले इलाकों में रहने वाले करीब 1.10 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा चुकी थी।
चक्रवात के टकराने की प्रक्रिया रविवार रात करीब साढ़े आठ बजे शुरू हुई और पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के सागर द्वीप और मोंगला के पास बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच सोमवार तड़के समाप्त हुई। कोलकाता में 146 मिमी बारिश हुई और 100 से 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं, जो 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंच गयी।
बंगाल की खाड़ी में विशाल ज्वार की लहरें देखी गईं। दक्षिण 24 परगना जिले के लोकप्रिय पर्यटन स्थल बक्खाली के करीब समुद्र तटीय गांव लक्खीपुर में कई घर ढह गए और कृषि भूमि में समुद्र का पानी भर गया। कई ग्रामीणों ने बाढ़ केंद्रों पर शरण ले रखी है।
उधर बंगलादेश के अलग-अलग स्थानों पर प्रचंड आंधी आने और मूसलाधार वर्षा होने की वजह से सात लोगों की मौत हो गयी। बंगलादेश के पांच दक्षिण और दक्षिण-पूर्व तटीय जिलों में रविवार रात चक्रवातीय तूफान के कारण लोगों की मौत की सूचना मिली। इस बीच दो लोगों के लापता होने की भी रिपोर्ट है।
दक्षिणी बंगलादेश के तटों पर शक्तिशाली तूफान ने स्थानीय समयानुसार करीब आठ बजे दस्तक दी। इसके साथ तेज हवाएं चलने लगी और आंधी जैसी स्थिति बन गयी। चक्रवात के कारण करीब 12 से अधिक तटीय जिलों में फसलें क्षतिग्रस्त हो गयी है और 10 सबसे संवेदनशील जिलों से करीब आठ लाख लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।