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सैनी बहुमत साबित करें या दें इस्तीफा : चौटाला

निर्दलीयों की समर्थन वापसी पर राजनीति तेज

हिसार: हरियाणा के पूर्व उप-मुख्यमंत्री एवं जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ने बुधवार को कहा कि तीन निर्दलीय विधायकों के सरकार से समर्थन वापस लेने के कारण प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार अल्पमत में हैं और  नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री नायब सैनी को विधानसभा में बहुमत साबित करना चाहिये या फिर मुख्यमंत्री पद से तुरंत अपना इस्तीफा देना चाहिये।

श्री चौटाला बुधवार को हिसार में अर्बन एस्टेट स्थित अपने आवास पर पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार का बहुमत साबित करने के लिये जजपा  राज्यपाल को पत्र लिखेगी। उन्होंने कहा कि जजपा प्रदेश में भाजपा सरकार गिराने के पक्ष  में है और इसके लिये समूचे विपक्ष का साथ देने को तैयार है।

उन्होंने कहा कि अब नेता प्रतिपक्ष भाजपा सरकार गिराने के लिए कदम उठाये। जजपा नेता ने कहा कि भाजपा सरकार को समर्थन देने वालों में से पांच विधायक कम हुये हैं। तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार से कल ही अपना समर्थन वापस लिया है और सत्ता पक्ष के मनोहर लाल खट्टर और रणजीत सिंह के रूप में दो विधायक पहले ही अपना इस्तीफा दे चुके हैं।  उन्होंने कहा कि निर्दलीय विधायकों द्वारा समर्थन वापस लेना भाजपा की कमजोरी को दर्शाता है।

श्री चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री हंस-हंस कर निर्दलीय विधायकों पर लेन-देन का आरोप लगा रहे हैं, इस पर उन्हें सबूत देना चाहिये। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में ऐसे हालात कभी देखने को नहीं मिले थे। एक प्रश्न के उत्तर में श्री चौटाला ने यह भी कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पिछली सरकार के खिलाफ लाया गया था, न कि वर्तमान सरकार के खिलाफ लाया गया।

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जजपा विधायक पार्टी में रहते हुये व्हिप का उल्लंघन नहीं कर सकते है। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में राज्य सभा चुनाव के दौरान हिमाचल प्रदेश में कुछ विधायकों ने व्हिप का उल्लंघन किया था, विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी।

यहां तक कि विधायक अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ न्यायालय भी गये, लेकिन इसके बाद भी फैसला बरकरार और सीटें रिक्त कर दी गयीं, जिन पर अभी एक जून को उपचुनाव होने जा रहे है। ठीक इसी तरह जजपा का कोई विधायक व्हिप का उल्लंघन करेगा तो उस पर भी कड़ी कार्रवाई होगी।

उन्होंने कहा कि जजपा ने जिन तीन विधायकों को अन्य दलों की स्टेज शेयर की है, उन्होंने नोटिस जारी किया है और उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि अगर किसी को अन्य दलों की मदद करनी है तो उन्हें विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि जनता सब देखती है कि कौन किसके वोटों से विधायक बना और विधायक बनने के बाद अन्य दल में इच्छा जताने वाले को जनता अपने आप जवाब देगी। जजपा के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को कमजोर शासक बताया और आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार ने किसानों को कमजोर करने का काम किया है।  उन्होंने कहा कि मंडियों से अब तक सरसों-गेहूं का उठान नहीं हुआ है और कई सप्ताह से किसानों का भुगतान लंबित है।

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