एसपी के द्वारा थाना की पोस्टिंग में 35 लाख 40 लाख लिया गया चर्चा खुलेआम
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डीजीपी ईमानदार तो जिला में यह खेल क्यों
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जांच होने पर सब कुछ का खुलासा हो जाएगा
दीपक नौरंगी
भागलपुरः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार के अधीन आने वाली जांच एजेंसी के साथ अन्य केंद्रीय जांच एजेंसी यह मालूम करें कि आखिर बिहार के किस रेंज के जिले में थानेदार की पोस्टिंग में भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है। बिहार में कई रेंज पुलिस के हैं जिसमें कुछ जिले के बारे में बदनामी पूरे पुलिस में कमरे में देखी जा रही है कि भ्रष्टाचार का बोलबाला है और थानेदार की पोस्टिंग में बोली लगी है। इस आधार पर थानेदार की जिले में पोस्टिंग हुई है।
देखिये वह वीडियो रिपोर्ट
चर्चा ऐसी है कि हर जिले में और पटना के उच्च स्तरीय पदाधिकारी तक यह चर्चा हो रही है चुनाव आयोग के संबंधित पदाधिकारी को ध्यान देना होगा कि जो जिले के एसपी सीधे तौर पर थानेदार की पोस्टिंग में भ्रष्टाचार का खेल खेल रहे हैं। ऐसे में क्या वह साफ-सुथरा चुनाव कर पाएंगे यह गंभीर मामला है चुनाव आयोग इसे किस रूप में लेता है यह कहना कठिन होगा।
हाल फिलहाल चुनाव के संबंधित पदाधिकारी के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय ने बिहार कई वर्षों से तैनात थानेदार और पुलिस इंस्पेक्टर का तबादला किया। दो रेंज में थानेदार की पोस्टिंग में भ्रष्टाचार की खेल की चर्चा चारों तरफ है। बिहार के डीजीपी राजविंदर सिंह भट्टी तो ईमानदार आईपीएस पदाधिकारी के तौर पर चर्चित हैं।
तो डीजीपी साहब के कानों तक बात नहीं जा रही है की कई जिले में एसपी थानेदार की पोस्टिंग में भ्रष्टाचार का खेल कर रहे हैं और पोस्टिंग के नाम पर लाखों रुपए लिया गया है। राज्य सरकार चाहे तो अपने अधीन आने वाली जांच एजेंसी से कुछ दो रेंज के एसपी की कार्यशैली की जांच कर सकती है।
बताया जाता है कि पर्दे के पीछे यह चर्चा आम है कि जो थानेदार लाखों रुपए देकर पोस्टिंग कराए हैं। थाने में तैनात थानेदार शराब माफिया और बालू माफिया को भी संरक्षण दे रहे हैं। भू माफिया को भी जिले में संरक्षण दिया जा रहा है। इसके एवरेज में मोटी रकम वही की जा रही है। यह सब जांच का अहम बिंदु है। आखिरकार भ्रष्टाचार में शामिल एसपी का मनोबल किस कारण से बढ़ गया है क्या सरकार तक यह भ्रष्टाचार की बातें क्यों नहीं पहुंच रही है ऐसे मामले में बिहार सरकार को गंभीरता से अपने स्तर से जांच करानी चाहिए।