रांची : एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अमीर हाशमी ने जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पत्र लीक मामले में जो बयान दिया वह छात्र विरोधी है। इन्हें को छात्रों के हित से कोई लेना देना नहीं है केवल अखबारों के सुर्खियों में बने रहने के लिए छात्र विरोधी ब्यान देते हैं। जेएसएससी सीजीएल के सीटों का जब 27-27 लाख में सौदा हो रहा था तब जेएमएम-कांग्रेस सरकार या तो सोई हुई थी या इसमें संलिप्त थी। 28 जनवरी को पेपर लीक उजागर होने पर जब सरकार ने एक हफ्ते तक कोई पहल नहीं की तब आजसू पार्टी अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो द्वारा विधानसभा के विशेष सत्र में इस विषय को उठाये जाने पर सरकार सजग हुई और आनन फ़ानन में एसआईटी का गठन किया। आजसू इस एसआईटी से संतुष्ट नहीं है।
उक्त बातें अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) के प्रदेश अध्यक्ष ओम वर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही। उन्होंने कहा कि अगर सरकार के दामन में कोई दाग नहीं है तो उन्हें छात्रों के आक्रोश को राजनीतिक स्वरूप देने के बजाय उनके सपनों के साथ हो रहे खिलवाड़ की ज़िम्मेदारी लेते हुए सीबीआई जांच की मांग का समर्थन करना चाहिए।
विश्वविद्यालय परिसर हो या कॉलेज परिसर एनएसयूआई ने कभी भी छात्र हित में कोई काम नहीं किया है। एनएसयूआई छात्र हित के बारे में जरा सभी सोचती है तो वह छात्र-छात्राओं के साथ मिलकर इस मुहिम में शामिल होती और जेएसएससी परीक्षा प्रश्न लीक मामले में अपने महागठबंधन की सरकार से इस पूरे प्रकरण को सीबीआई से जांच कराने की मांग करती। अमीर हाशमी अपने छात्र विरोधी अपने बयान पर छात्र-छात्राओं से माफी मांगे।
जेएसएससी सीजीएल प्रश्न पत्र लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर आजसू द्वारा चरणबद्ध आंदोलन किया जा रहा है। इसी कड़ी में कल आजसू सभी जिले के उपायुक्तों के माध्यम से माननीय राज्यपाल को स्मार-पत्र सौंपेगा। वहीं आजसू के कार्यकर्ता राज्य के हजारों छात्रों के साथ 17 फरवरी को राजभवन के समक्ष प्रदर्शन करेंगे। बातें दें इससे पूर्व आजसू द्वारा 12 फरवरी को सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में हस्ताक्षर अभियान और 13 को राज्यभर में मशाल जुलूस का आयोजन किया गया था।