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मुख्यमंत्री के परिवार को मिले सरकारी ठेके

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और अरुणाचल राज्य सरकार ने जवाब मांगा

  • पेमा खांडू हैं अरुणाचल प्रदेश के सीएम

  • रिवार के सदस्यों के स्वामित्व की कंपनी

  • बीआई या एसआईटी जांच के लिए दायर याचिका

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी : उच्चतम न्यायालय ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाली कंपनियों को सरकारी ठेके दिये जाने की सीबीआई या एसआईटी जांच के लिए दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर केंद्र सरकार, राज्य सरकार और अन्य से जवाब मांगा हैं।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) सेव मोन रीजन फेडरेशन एंड वॉलंटरी अरुणाचल सेना द्वारा दायर याचिका पर केंद्र, राज्य सरकार, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, खांडू और अन्य को नोटिस जारी किया। पेमा खांडू के पिता दोरजी खांडू की दूसरी पत्नी रिनचिन ड्रेमा और उनके भतीजे शेरिंग ताशी को मामले में पक्षकार बनाया गया है।

दरअसल, मुख्यमंत्री पेमा खांडू पर कई घोटालों के आरोप लगे थे। जब से वह भाजपा में शामिल हुए, भाजपा की वॉशिंग मशीन से घोटाले के मामले को साफ कर दिया गया। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी की वॉशिंग मशीन में मुख्यमंत्री पेमा खांडू के घोटाले से साफ निपटा गया है। आज भी मुख्यमंत्री पेमा खांडू पीडब्ल्यूडी सड़क निर्माण घोटाले के साथ-साथ बीमा और सरकारी चिकित्सा घोटालों, सरकारी ठेकेदारों से कमीशन लेने के आरोपों में उलझे रहे हैं।

लेकिन केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री पेमा खांडू के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।दोरजी खांडू की 2011 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। हादसे के वक्त वह मुख्यमंत्री थे।याचिका में दावा किया गया है कि हितों का स्पष्ट टकराव होने के बावजूद रिनचिन ड्रेमा की कंपनी ब्रांड ईगल्स को बड़ी संख्या में सरकारी ठेके दिए गए हैं।

भाजपा वाशिंग मशीन

वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के मार्फत दायर याचिका में कहा गया है, याचिकाकर्ताओं द्वारा संलग्न दस्तावेज से प्रदर्शित होता है कि यह सब पारिवारिक फर्मों के पक्ष में चुनिंदा निविदा आवंटित कर मनमाने ढंग से किया गया थाअन्य कंपनियों ने सिर्फ पारिवारिक फर्म को अपना नाम दिया और इसके लिए अपना कमीशन प्राप्त किया।

जनहित याचिका में दावा किया गया है कि जब सरकारी ठेके केवल मुख्यमंत्री के परिवार के सदस्यों और उनके करीबी सहयोगियों की फर्मों को दिए जाने के सबूत हैं, तो यह निष्कर्ष निकालना उचित है कि बड़े पैमाने पर सरकारी अनुबंध कार्यों के लिए इस तरह का लाभ दिया जाना संबंधित मंत्री की प्रत्यक्ष जानकारी, सहमति और सक्रिय समर्थन के बिना संभव नहीं है। याचिका में कहा गया है कि बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए कार्य अरुणाचल प्रदेश सरकार के राहत और पुनर्वास विभाग द्वारा आवंटित किए जाते हैं।याचिका के अनुसार, 2011 तक इस विभाग के मंत्री दोरजी खांडू (पूर्व मुख्यमंत्री )थे और उसके बाद यह कार्यभार उनके बेटे पेमा खांडू ने संभाला, जो मौजूदा मुख्यमंत्री हैं।

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