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ईवीएम की गड़बड़ी का लाइव डेमो दिखाया

दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग से सुधार की मांग कर दी


  • मीडिया के सामने इसका प्रदर्शन किया

  • मतदाता पर्ची में भी गड़बड़ी दिखाई

  • विपक्षी गठबंधन से भाग रहा है चुनाव आयोग


भोपाल: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आज ईवीएम मशीनों और वीवीपैट में कथित मैनिपुलेशन का लाइव डेमो दिखाते हुए निर्वाचन आयोग से मांग की कि आयोग चुनावों में मत डालने के बाद मतदाताओं के हाथ में पर्ची दे, जिन्हें मतदाता मतपेटी में डालें और उन्हीं पर्चियों की बाद में गणना हो।

राज्यसभा सांसद श्री सिंह ने यहां अपने निवास पर संवाददाताओं से चर्चा के दौरान गुजरात के एक सूचना का अधिकार कार्यकर्ता और आईआईटी स्रातक राहुल मेहता के माध्यम से ये लाइव डेमो प्रदर्शित करवाया। श्री सिंह ने कहा कि श्री मेहता ने एक जुगाड़ ईवीएम मशीन बनाई है।

इस दौरान श्री मेहता ने 10 लोगों से वोट डलवाकर ये प्रदर्शित किया कि किस प्रकार मशीन के अंदर मतदाता पर्चियों के प्रकाशन में प्री प्रोगामिंग के माध्यम से कथित तौर पर मैनिपुलेशन किया जा सकता है। इस डेमो के बाद श्री सिंह ने केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग पर लगातार कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि वीवीपैट में पर्ची दिखाई देती है पर वो हाथ में नहीं दी जाती।

उन्होंने कहा कि 2003 से लेकर आज तक चुनाव आयोग इस सॉफ्टवेयर को पब्लिक डोमेन में इसलिए नहीं लाता क्योंकि आयोग का कहना है कि इसे हैक किया जा सकता है। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि इन मशीनों को प्रीप्रोग्रामिंग के माध्यम से वैसे भी मैनिपुलेट किया जाता है। उन्होंने कहा कि वे और सिविल सोसायटी के बहुत से लोग आयोग से इस बारे में सवाल करते हैं, लेकिन आयोग कभी सवालों के जवाब नहीं देता।

इसी चर्चा के दौरान श्री सिंह ने ये आरोप लगाया कि विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया के 24 दलों ने मेमोरेंडम देकर आयोग से मिलने के लिए समय मांगा, लेकिन छह महीने से आयोग ने मिलने का समय नहीं दिया।

उन्होंने अपनी मांग लगातार दोहराते हुए कहा कि ईवीएम मशीनों में जो दिखता है, वो छपता नहीं, इसलिए उनकी मांग है कि जो बटन दबाया गया है, आयोग उस पर्ची को मतदाता के हाथ में दे, उसे मतदाता मतपेटी में डाल दे और उसी की गिनती हो क्योंकि ईवीएम में प्रीप्रोग्रामिंग से नतीजे बदले जाते हैं।

उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से ये भी आरोप लगाया कि वर्ष 2014 से भाजपा को जीत का जो आत्मविश्वास रहता है, वो जनता के नहीं, मशीनों के वोट के माध्यम से रहता है। उन्होंने कहा कि पिछली बार भाजपा ने 300 पार सीट की बात की थी, तब पार्टी को 303 सीटें प्राप्त हुईं।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पहले नैरेटिव सेट करती है और उसके बाद ईवीएम मैनिपुलेशन के माध्यम से जीत हासिल कर लेती है। साथ ही उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि ऐसा सभी जगह नहीं किया जाता, चुनिंदा प्रांतों में ये मैनिपुलेशन होता है।

उन्होंने दावा किया कि भाजपा इस प्रकार का मैनिपुलेशन पंजाब, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में नहीं करती क्योंकि वहां पार्टी की ज्यादा रुचि नहीं है।  श्री सिंह ने मध्यप्रदेश के हालिया विधानसभा चुनावों के संदर्भ में आरोप लगाया कि भाजपा ने इस बार चुनी गई विधानसभाओं में ये सब किया।

इसी क्रम में उन्होंने दावा किया कि पिछले साल अप्रैल-मई में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर्वे में राज्य में भाजपा को 60-70 सीटें बताईं गईं, उसके बाद भाजपा ने मामाजी को अलग कर दिया और केंद्र के दो मंत्री लाकर यहां बैठा दिए गए। इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने मशीनों का खेल शुरु किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी ने लगभग 120 से 130 सीटों पर इस बार यह काम किया है।

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