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जेल में बंद प्रेम प्रकाश के खिलाफ इडी ने दूसरा शपथपत्र दिया

  • नीचे से ऊपर तक मिली है मदद

  • कई अधिकारी अब भी रडार पर

  • शराब कारोबार का रिश्ता भी जुड़ा

राष्ट्रीय खबर

रांचीः प्रवर्तन निदेशालय ने रांची जेल में बंद प्रेम प्रकाश के खिलाफ दूसरा शपथपत्र दाखिल किया है। इस शपथपत्र में जिन बातों का उल्लेख किया गया है, उससे साफ है कि ईडी पूरे राज्य सरकार को ऊपर से नीचे तक साजिश का हिस्सा मानकर ही जांच कर रही है। इसके बीच ही यह सूचना भी आयी है कि दरअसल ईडी की नजर राज्य के कई अन्य नेताओं और अफसरों पर भी हैं, जिनकी हर गतिविधि को देखा परखा जा रहा है। हो सकता है कि तमिलनाडू की तरह यहां भी एक साथ कई जिलाधिकारियों को ईडी का समन जारी हो जाए।

ईडी के डिप्टी डाइरेक्टर प्रमोद कुमार की तरफ से यह शपथपत्र दायर किया गया है। इसमें कहा गया है कि पत्थर के अवैध कारोबार के सिलसिले में गिरफ्तार किये गये प्रेम प्रकाश जेल के अंदर से भी साजिशें रच रहा है। इस बारे में एक नहीं कई जानकारियां कोर्ट को लिखित में उपलब्ध करायी गयी है। इस शपथ पत्र के क्रमांक 4 पर झारखंड पुलिस पर संदेह व्यक्त किया गया है, जिसमें बताया गया है कि प्रेम प्रकाश के घऱ से दो एके 47 राइफल बरामद होने के मामले में भी पुलिस ने लीपापोती कर दी।

शपथपत्र के मुताबिक इससे स्पष्ट हो जाता है कि प्रेम प्रकाश की सत्ता पर पकड़ कैसी है और उसे किस स्तर से संरक्षण मिल रहा है। आरोप है कि जेल में बंद दूसरे अभियुक्त पंकज मिश्र के साथ मिलकर वह साहिबगंज से करीब एक हजार करोड़ की मनी लॉड्रिंग का कारोबार इस पत्थर कारोबार के जरिए चला रहा था। इसी क्रम में फर्जी डीड से रांची में उपायुक्त की मदद से जमीन की खरीद का भी उल्लेख किया गया है।

आरोप लगाया गया है कि जेल में बंद होने के बाद अभियुक्त एक तरफ माओवादियों से तथा दूसरी तरफ अपराधियों से ईडी के अधिकारियों पर हमला करने की साजिश रच रहा है। इसमें जेल अधिकारी भी शामिल हैं, जिनके नाम का साफ साफ उल्लेख इस शपथ पत्र में किया गया है। इसके अलावा जांच अधिकारियों को फंसाने के लिए जेल में किसी महिला को भी बुलाने की बात लिखी गयी है।

चार दिसबंर 2023 के इस शपथपत्र में कुल 24 मुद्दों का उल्लेख किया गया है। इनमें किसी दानिश रिजवान नामक गवाह के हवाले से मुख्यमंत्री के सलाहकार के निर्देश पर प्रेम प्रकाश द्वारा किसी विजय हांसदा को दस लाख रुपये दिये गये थे।

यह विजय हांसदा एक मामले में शिकायकर्ता भी है। जिसे अपनी शिकायत वापस लेने के लिए राज्य के वरीय अधिकारियों की मदद मिली और उसे हवाई जहाज का टिकट देकर दिल्ली तक भेजा गया था। वैसे इस शपथ पत्र के साथ ऐसे दस्तावेज भी संलग्न किये गये हैं, जिनका रिश्ता झारखंड के पूर्व और वर्तमान शराब कारोबार से जुड़ सकता है क्योंकि इन दस्तावेजों में शराब बेचने वाली कंपनियों को पुलिस से सुरक्षा प्रदान करने की बात भी दर्ज की गयी है।

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