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कैनिंगः सुंदरवन के सभी बाघ आदमखोर हैं, यह पता है। माना जाता है कि खारे पानी की वजह से इन जानवरों की भोजन पद्धति बदल गयी है और जंगल में मधु, मछली, केकड़ा या लकड़ी के लिए जाने वाले लोगों का शिकार करना उनके लिए सबसे आसान होता है। ऐसा ही एक आदमखोर बाघ शायद सुंदरवन के इलाके से बाहर घूम रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक पास के कुलतली के गौड़चक इलाके में बाघ की मौजूदगी की जानकारी मिली है। इसी वजह से वहां के ग्रामीण दहशत में है। अपने इलाके में ग्रामीणों ने नर्म मिट्टी पर बाघ के पंजों के निशान देखे हैं। दक्षिण चौबीस परगना का यह इलाका पहली बार बाघ की मौजूदगी को महसूस कर रहा है। वैसे अब तक बाघ ने किसी इंसान पर हमला नहीं किया है।
कैसे नदी पार कर जाते हैं सुंदरवन के बाघ
वहां से बाघ आने की सूचना पर वन विभाग के लोग गये थे। विभागीय कर्मचारियों ने सुरक्षा के लिए इलाके में तार की जाली भी लगायी थी। वहां नजरदारी करने के बाद भी रात के अंधेरे में इस जाल को तोड़ने की कोशिश का नतीजा दिखा है। रविवार की सुबह लोगों ने एक स्थान पर पाया कि वन विभाग द्वारा बचाव के लिए लगाये गये लोहे के जाल को तोड़ने की कोशिश की गयी है।
इसका निष्कर्ष है कि बाघ अब भी इलाके में आना चाह रहा है। करीब में ही सुंदरवन होने की वजह से ऐसा माना जा रहा है कि यह सुंदरवन का आदमखोर बाघ ही है। वैसे भी वहां के बाघ आकार में छोटा होने के बाद भी अधिक शक्तिशाली होते हैं। इनमें से एक बाघ को वहां की नदियों से तैरता हुआ बांग्लादेश के इलाके तक चला गया था।
उस पर लगे रेडियो कॉलर की वजह से यह जानकारी मिल पायी थी। आम तौर पर बाघ अपने इलाके में करीब चालीस वर्ग किलोमीटर में चहलकदमी किया करता है। हाल के दिनों में सुंदरवन में बाघों की आबादी बढ़ने की वजह से हो सकता है कि कोई बाघ अपना नया इलाका तलाशते हुए इस इलाके में आ पहुंचा है। इसी वजह से बाघ को वापस नहीं भेजे जाने तक स्थानीय ग्रामीण आतंकित है। शनिवार के बाद रविवार को भी नये इलाके में बाघ के पंजों के निशान देखे जाने की वजह से लोगों काफी डरे हुए हैं।