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चक्रवाती तूफान मिचौंग ने दक्षिण के राज्यों में मचायी तबाही

चेन्नई: चक्रवाती तूफान का भीषण असर दक्षिण भारत के कई राज्यों में पड़ा है। यहां चेन्नई में बचावकर्मियों ने मंगलवार को चेन्नई के कृष्णा नगर इलाके से नावों की मदद से लोगों को बाहर निकाला. चक्रवात मिचौंग के कारण भारी बारिश के कारण क्षेत्र जलमग्न हो गए। चक्रवात मिचौंग के कारण चेन्नई में बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है।

चक्रवाती तूफान मिचौंग के आंध्र प्रदेश पहुंचने पर तीन घंटे तक इसका तांडव जारी रहा। अपराह्न एक बजे यह तूफान  बापटला में नेल्लोर-मछलीपट्टनम के बीच टकराया। हवाएं 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही हैं। आईएमडी ने यह भी कहा कि तूफान खगोलीय ज्वार से लगभग 1-1.5 मीटर ऊपर उठता है और भूस्खलन के समय दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश के जिलों में बाढ़ आने की आशंका है।

आज शाम तक हवा की गति धीरे-धीरे कम होकर 95 किमी प्रति घंटे से घटकर 75-85 किमी प्रति घंटे रह जाएगी और आधी रात तक हवा की गति 55-65 किमी प्रति घंटे रह जाएगी। पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर गंभीर चक्रवाती तूफान पिछले छह घंटों के दौरान 10 किमी प्रति घंटे की गति से उत्तर की ओर बढ़ गया और आज सुबह 11:30 बजे उसी क्षेत्र में 15.45 डिग्री उत्तर अक्षांश और 80.25 डिग्री पूर्व देशांतर के करीब, लगभग 20 किमी पूर्व में केंद्रित है।

बुलेटिन में कहा गया है कि फिलहाल तूफान ओंगोल, बापटला से 50 किमी दक्षिण-दक्षिणपश्चिम, कवाली से 70 किमी उत्तर-उत्तरपूर्व, नेल्लोर से 110 किमी उत्तर-उत्तरपूर्व और मछलीपट्टनम से 120 किमी दक्षिण पश्चिम में है। तूफान को लेकर राज्य में हाई अलर्ट है।

राज्य सरकार ने तिरुपति, नेल्लोर, प्रकाशम, बापटला, कृष्णा, पश्चिम गोदावरी, कोनसीमा और काकीनाड़ा जिले में रेड अलर्ट जारी किया है। नौ हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित इलाकों में भेजा गया है। इन आठ  जिलों में एनडीआरएफ  और एसडीआरएफ की  पांच-पांच  टीमें तैनात हैं। कोस्ट गार्ड, आर्मी और नेवी के जहाज और एयरक्राफ्ट स्टैंडबाय पर हैं।

तमिलनाडु में मंगलवार को बारिश में कमी आई।  चेन्नई शहर हालांकि बारिश की वजह से पूरी तरह डूब गया है। रविवार से अब तक एक बच्चे समेत नौ  लोगों की मौत हो चुकी है। सोलह  घंटे से बंद चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से  ऑपरेशन शुरू हो गया है। चार  नवंबर को रनवे पर पानी भरने की वजह से करीब 70 उड़ानों को  रद्द किया गया था और 30  बेंगलुरु डायवर्ट की गयी थीं।

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