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सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन में बनाया कीर्तिमान

  • पूरे देश में लगातार जांच और ईलाज

  • पहला राज्य जहां ऐसा अभियान चलाया

  • करीब पौने तीन लाख महिलाओं की जांच

राष्ट्रीय खबर

रांचीः झारखंड में महिलाओं के लिए खास तौर पर प्रारंभ किया गया सर्वाइकल उन्मूलन अभियान पूरे देश में उल्लेखनीय रहा है। इस उपलब्धि के आंकड़ों को देखते हुए अपर मुख्य सचिव ने सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन अभियान में वूमेन डॉक्टर्स विंग  राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के साथ आधिकारिक पार्टनर बनाने का निर्देश दिया वर्ष 2021 में बने झारखंड मॉडल के अनुसार लक्ष्य था 2,70684 प्रजनन क्षमता वाली ऐसी महिलाओं की स्क्रीनिंग का जिन्हें सर्वाइकल कैंसर के लक्षण है या जो हाई रिस्क कैटेगरी की है।

आज अपर मुख्य सचिव एवं स्वास्थ्य सचिव अरुण सिंह की अध्यक्षता में वूमेन डॉक्टर विंग झारखंड के उपस्थिति में कार्सिनोमा सर्विक्स की स्क्रीनिंग से संबंधित समीक्षा बैठक आहूत की गई। इस बैठक में राज्य के सभी सिविल सर्जन सरकारी स्त्री रोग विशेषज्ञों सभी जिले के अस्पताल प्रबंधन और उपाधीक्षकों को ऑनलाइन जोड़ा गया।

पूरे राज्य की हर जिले की सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग और राज्य में पाए गए संदिग्ध मरीज और उनके इलाज की 7 महीने की रिपोर्ट जो हर जिले से भेजी गई थी उनकी समीक्षा की गई। अप्रैल 2023 से अक्टूबर 2023 तक सबसे ज्यादा सर्वाइकल कैंसर के संदिग्ध मरीज लोहरदगा 63, देवघर 46, खूंटी 44,रांची 39, हजारीबाग 32, बोकारो 25, पूर्वी सिंहभूम 25, धनबाद 22, पाकुड़ 17, और गोड्डा 16 मिले है।

ज्ञातव्य हो कि राज्य के भारत सरकारी अस्पतालों में सर्वाइकल कैंसर की जांच और इलाज की मशीन भी लगाई गई है। पिछले 7 महीना में रिम्स द्वारा टाटा ट्रस्ट आउटरीच और टाटा ट्रस्ट कियोस्क की सहायता से 10274 स्क्रीनिंग की गई है।

पिछले 2 साल 7 महीने में पूरे राज्य में सर्वाइकल प्री कैंसर के कुल 1009 संदिग्ध मरीज  मिले।  पिछले 7 महीने में राज्य में सर्वाइकल प्री कैंसर के कुल 441  संदिग्ध मरीज  मिले हैं।

इस अभियान को प्रारंभ करने के पहले ही देश के शीर्ष कैंसर स्त्री रोग विशेषज्ञों के साथ लंबे विचार विमर्श के बाद यह निष्कर्ष निकला कि विश्व स्वास्थ्य संगठन सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन नीति के तीसरे भाग को लेकर हम चले और इसे झारखंड में लागू करें तो झारखंड जैसे कम संसाधन वाले राज्य में सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन में काफी सफलता मिल सकती है । यह तीसरा भाग यह है कि 90 प्रतिशत गर्भाशय ग्रीवा की सूजन वाली महिलाओं की स्क्रीनिंग एवं इलाज कर दिया जाए तो सर्वाइकल कैंसर पर रोकथाम लग सकती है।

शीर्ष केंसर स्त्री रोग विषेशज्ञों से विचार विमर्श कर यह निष्कर्ष निकला कि राज्य के हर जिले में प्रजनन क्षमता वाली 6% महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग अनिवार्य करने से जिन्हें जननांग संबंधी सूजन के लक्षण है या जो हाई रिस्क कैटेगरी में आती है  ऐसा करके  हम गर्भाशय ग्रीवा की सूजन के 100% मरीजों की  स्क्रीनिंग कर सकते हैं।

माननीय अपर मुख्य सचिव ने कहा कि विमेन डॉक्टर्स विंग  इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ स्वास्थ्य विभाग ने झारखंड मॉडल बनायाऔर लक्ष्य की प्राप्ति भी की इसलिए उन्होंने एक हफ्ते के अंदर वूमेन डॉक्टर विंग को   सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन अभियान में  राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का आधिकारिक पार्टनर बनाने का निर्देश दिया ।

उन्होंने डॉ भारती कश्यप द्वारा प्रस्तुत 2 साल 7 महीने के सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग की काफी सराहना की। उन्होंने राज्य में सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग के लिए चलाए जा रहे महीने के 48 महिला स्वास्थ्य शिविरों के अलावा 264 ब्लॉक के लिए हर महीना 264 महिला स्वास्थ्य शिविर लगाने का भी आदेश दिया जिसमें सदर अस्पताल से एक स्त्री रोग विशेषज्ञ को कैंप में भेजे जाने का प्रस्ताव दिया गया है। कैंप में सर्वाइकल कैंसर की संदिग्ध महिला को लाने के लिए सहित  को प्रति मरीज 50 रुपये के मानदेय को भी सुनिश्चित करने का आदेश दिया।

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