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महादेव एप मामले को ही फर्जी बताया, कहां साजिश हुई

  • शुभम सोनी के साथ अफसरों पर आरोप

  • सीसीटीवी फुटेज और फोन रिकार्ड जांचे

  • वह भूपेश बघले से कभी नहीं मिला है

राष्ट्रीय खबर

मुंबई: महादेव बेटिंग ऐप मामले में असीम दास ने अब ईडी डायरेक्टर को 10 पन्ने की चिट्ठी लिखकर अपने मामले की दोबारा जांच किए जाने की मांग की है। अपने पत्र में दास ने अपनी गिरफ्तारी और जांच में शामिल ईडी अधिकारियों के खिलाफ जांच की मांग की है। उसने दावा किया है की उसे सुभम सोनी और ईडी के अधिकारियों द्वारा फंसाया जा रहा है।

पत्र में उसने कहा है कि वह कोई कूरियर बॉय नहीं हैं और उसका बघेल, वर्मा या कांग्रेस पार्टी के किसी नेता से कोई संबंध नहीं है। दास ने लिखा है कि शुभम सोनी बचपन का दोस्त है जिसके साथ वह क्रिकेट खेलता था। बाद में सोनी महादेव के पीछे प्रमुख शख्सियतों में से एक बन गया। 10 अक्टूबर को दास सोनी के बुलावे पर दुबई गया था, जहां सोनी ने उसे प्रभावित करने के किए वहां की लग्जरी लाइफस्टाइल दिखाई। हालांकि, इस विजिट में उसकी सोनी से मुलाकात नहीं हुई और वह भारत लौट आया।

कुछ दिन बाद सोनी ने उसे फोन कर 25 अक्टूबर का टिकट भेजा और एक बार फिर दुबई बुलाया। इस बार दास की मुलाकात सोनी से हुई जिसने छत्तीसगढ़ में उसके कंस्ट्रक्शन बिजनस में मदद का वादा किया। सोनी ने उसे आश्वासन दिया कि रायपुर एयरपोर्ट पहुंचने पर उसे पैसे मिल जाएंगे।

बातचीत के दौरान जब उसने महादेव ऐप से संबंधित ईडी जांच के बारे में पूछा तो सोनी ने आरोप लगाया कि रवि उप्पल और चंद्राकर असली प्रमोटर हैं। सोनी ने उसे कथित तौर पर बताया कि उन लोगों ने मामले को निपटाने के लिए एक बड़े अधिकारी को रिश्वत दी है। उसने दास को अपना कंस्ट्रक्शन बिजनस शुरू करने की सलाह दी और एक मित्र के रूप में पैसों की मदद देने का भी आश्वासन दिया।

दास के मुताबिक, उसे उस समय सोनी द्वारा रची गई साजिश समझ नहीं आई थी। जब दास दुबई छोड़नेवाला था तब सोनी के सहयोगियों ने उसे सोनी से बातचीत करने के लिए एप्पल का एक फोन दिया। उसे बताया गया कि उसके लिए एक काली इनोवा कार बुक की गई है जो उसे रायपुर एयरपोर्ट से ट्राइडेंट होटल ले जाएगी और उसका कमरा भी पहले से ही बुक होगा। जब वह होटल पहुंचा तो उसके पास एक फोन आया जिसमें उसे पैसे लेने का निर्देश दिया गया।

दूसरी तरफ के व्यक्ति ने उसे सड़क के किनारे जाने और कार का दरवाजा खोलने का निर्देश दिया। कुछ मिनट बाद एक बाइक सवार नोटों से भरा बैग लेकर आया और कैश इनोवा कार की पिछली सीट पर रख दी। दास ने कहा कि बाइक सवार ने उसे फोन भी दिया और आगे की बातचीत के लिए उस फोन का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया।

कुछ मिनट बाद कई और बैग कार की पिछली सीट पर रख दिए गए। जब वह अपने होटल के कमरे में पहुंचा तो कुछ ही देर बाद ईडी का एक अधिकारी भी वहां आया और कहा कि सबकुछ बरामद कर लिया गया है। अधिकारी ने उसे बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए अपने साथ आने के लिए कहा और बताया कि उसका बयान पहले ही तैयार कर लिया गया है।

दास के मुताबिक, अधिकारी के साथ वह पार्किंग में गया जहां ईडी के 2 और अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने जबरदस्ती अपने बयान पर उसके हस्ताक्षर ले लिए और कुछ मिनट पहले उसे मिले कैश जब्त कर किए गए। उसने बताया कि यह कैश उसे अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए सोनी से मिला थी। हालांकि उन लोगों ने उसकी बात नहीं मानी और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

दास ने जांच की मांग की और कहा कि उसका कॉल डेटा रिकॉर्ड बरामद किया जाए ताकि यह साफ हो सके कि उसे कैश इकट्ठा करने के निर्देश कैसे मिले। इसके अलावा उसने कैश पहुंचाने वाले बाइकर की पहचान करने के लिए सड़क से सीसीटीवी फुटेज की बरामदगी की भी मांग की है।

इस पत्र के सार्वजनिक होने के तुरंत बाद इस मामले की जांच का जिम्मेदारी मुंबई अपराध शाखा को सौंप दिया गया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि मामले में विस्तृत जांच की आवश्यकता को देखते हुए मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फणसालकर ने इसे अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया।

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