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नईदिल्लीः तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) की असम इकाइयों ने कथित तौर पर राजस्थान में भाजपा के लिए प्रचार करने के लिए राज्य के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया को बर्खास्त करने की मांग की है। यह आरोप लगा है कि असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया राजस्थान के उदयपुर में भाजपा के लिए प्रचार में व्यस्त हैं।
यह लोकतंत्र के लिए चुनौती है और भारत निर्वाचन आयोग को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। यह बेहद शर्मनाक है कि संविधान के संरक्षक होने के बावजूद वह भाजपा के लिए प्रचार कर रहे हैं। उन्हें तुरंत उनके पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए, टीएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रिपुन बोरा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया।
एक अलग बयान में उन्होंने कहा कि उदयपुर से भाजपा उम्मीदवार ताराचंद जैन को वोट देने की राज्यपाल की अपील आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। आप की राज्य इकाई ने भी इसी तरह का बयान जारी कर श्री कटारिया को उनके गवर्नर पद से हटाने की मांग की। असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया राजस्थान के उदयपुर में भाजपा के लिए चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं.
यह लोकतंत्र के लिए चुनौती है, भारत निर्वाचन आयोग को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. यह बेहद शर्मनाक है कि संविधान के संरक्षक होने के बावजूद वह भाजपा के लिए प्रचार कर रहे हैं। उन्हें तुरंत उनके पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए.
दोनों पार्टियों की मांग पर न तो राज्यपाल और न ही गुवाहाटी राजभवन ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
हाल के दिनों में राज्यपाल और गैर भाजपा शासित राज्यों का विवाद बढ़ने के बीच ही सुप्रीम कोर्ट ने फिर से यह फैसला सुनाया है कि दरअसल निर्वाचित सरकार का फैसला ही अंतिम है। राज्यपाल इन सिफारिशों को मानने के लिए बाध्य है। दरअसल दिल्ली के मामले में भी ऐसा फैसला सुनाये जाने के बाद केंद्र सरकार ने नया कानून लाकर उप राज्यपाल को सारी शक्तियां प्रदान कर दी।
दूसरी तरफ शीर्ष अदालत ने फिर स्पष्ट किया कि संसद को नया कानून बनाने का अधिकार है लेकिन इससे अदालत द्वारा पूर्व में सुनाये गये फैसलो को दरकिनार नहीं किया जा सकता। उसके बाद पंजाब के राज्यपाल के साथ सरकार की टक्कर के बीच ही अदालत ने निर्वाचित सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है।