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कोलकाताः पश्चिम बंगाल पुलिस आधार कार्ड के जरिए बैंकों से फ्रॉड कर पैसा निकालने की शिकायतों की जांच कर रही है। इस बारे में पता चला है कि मुर्शिदाबाद के कांडी निवासी प्रतिमा रक्षित के खाते से आधार कार्ड बायोमेट्रिक का इस्तेमाल कर पैसे उड़ा लिये गये। प्रतिमा देवी को जब उनके केनरा बैंक खाते से पैसे कटने का मैसेज आया तो वह सिर के बल गिर पड़ीं।
कांडी निवासी पेशे से स्कूल शिक्षक सुतनु रक्षित की पत्नी प्रतिमा रक्षित असम के लंबरिंग डिवीजन के रेलवे अस्पताल में चीफ मैट्रन के पद पर कार्यरत हैं। उनका कांडी स्थित एक सरकारी बैंक में खाता है। रविवार को उनके मोबाइल फोन पर 5000 रुपया निकालने का मैसेज आया। इसकी शिकायत साइबर क्राइम पुलिस से की गई है।
प्रतिमा के पति सुतनु रक्षित ने कहा, मुझे साइबर क्राइम से पता चला कि जिन्नत अली नाम के शख्स ने मालदा से पैसे निकाले हैं। हम इस बात से हैरान हैं कि आधार कार्ड के बायोमेट्रिक लॉक के बावजूद पैसे कैसे निकाल लिए गए। महेशटला के एक व्यक्ति ने आधार कार्ड बायोमेट्रिक्स में फर्जीवाड़ा करके 10,000 रुपये निकाल लिए।
सात दिन पहले प्रसेनजीत कर नाम के शख्स के मोबाइल फोन पर एक मैसेज आया। पता चला कि खाते से पैसे निकाले गए हैं। पूरा मामला जानने के लिए जब बैंक से संपर्क किया गया तो पता चला कि जालसाजों ने फिंगरप्रिंट का क्लोन बना लिया है। प्रोसेनजीत ने कुछ महीने पहले एक जमीन की रजिस्ट्री कराई थी। उस जमीन को खरीदने के लिए उन्हें अपनी उंगलियों के निशान देने पड़े। व्यक्ति को डर है कि कहीं ये इंप्रेशन वहीं से कॉपी तो नहीं किया गया है। प्रसेनजीत ने पूरी घटना की जानकारी देते हुए थाने में शिकायत दर्ज करायी है।
निर्मल चक्रवर्ती मुर्शिदाबाद जिले के कांडी शहर के कालाबागान के रहने वाले हैं। उनके आधार कार्ड के बायोमेट्रिक का इस्तेमाल कर उनके खाते से पांच बार में कुल पचास हजार रुपये निकाल लिये गये। पुरी गये। बुधवार को घर लौटने पर उसने मोबाइल पर पैसे निकालने का मैसेज देखा। आरोप है कि यह पैसा बंगाली ग्रामीण विकास बैंक के सीएसपी से निकाला गया था। पहली घटना 5 सितंबर को हुई। तन्मय प्रमाणिक नामक युवक दुर्गापुर के कालीगढ़ में जेरॉक्स, फोटो प्रिंट की दुकान चलाता है। उसके खाते से एक-एक करके कुल 7 हजार रुपया निकाल लिए गए। पता चला, बायोमेट्रिक हैक हो गया है।
8 सितंबर को दुर्गापुर के विधाननगर निवासी व्यवसायी विवेकानंद मुखोपाध्याय के भी इसी तरह पैसे डूब गये। बायोमेट्रिक जानकारी चुराकर हैकर्स ने उनके दो अलग-अलग बैंक खातों से कुल 10,000 से 20,000 रुपये उड़ा लिए। रात को उनके मोबाइल पर एक निजी बैंक से मैसेज आया। इसमें कहा गया कि पैसा आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (एपीएस) के जरिए निकाला गया।
आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट ने साइबर क्राइम विभाग में शिकायत दर्ज कराई। विवेकानन्द ने कहा, इन दो खातों के अलावा मेरे बैंक खाते से भी पैसे चुराने की कोशिश की गई है। बायोमेट्रिक्स का उपयोग अब कई जगहों पर किया जाता है। ऐसा लगता है कि जानकारी कहीं से लीक हो गई है।
पश्चिम बर्दवान जिला सीपीएम के संपादकीय बोर्ड के सदस्य पंकज रॉय सरकार भी साइबर बदमाशों का शिकार हुए थे। 13 सितंबर, बुधवार की सुबह उनके बायोमेट्रिक्स को हैक या क्लोन करके उनके खाते से कुल 3 हजार रुपया निकाल लिया गया। माध्यम एक ही है- आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम। खाते से अचानक पैसे निकलने के बाद बैंक अधिकारियों की सलाह पर पंकज ने आधार बायोमेट्रिक लॉक कर दिया। उन्होंने शिकायत करते हुए कहा, हमारे जीवन की सारी जानकारी अब केंद्र के हाथ में है। तमाम आश्वासनों के बाद भी आधार कार्ड की जानकारी जालसाजों तक पहुंचने की वजह से साइबर फ्रॉड के साथ साथ अब बैंक जालसाजी की घटनाओं में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।