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एक सफेदपोश पर आधा दर्जन मामले पर पासपोर्ट जारी

पासपोर्ट या हथियार का लाईसेंस  जारी होने में लालच या प्रभाव

  • खुद मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी लेनी चाहिए

  • कटिहार सहरसा में पकड़े जा चुके हैं ऐसे मामले

  • एक दागी व्यक्ति के पूरे परिवार को दिया पासपोर्ट

दीपक नौरंगी

भागलपुर:बिहार पुलिस लालच या प्रभाव में किसी भी सीमा को पार कर सकती है। इसका जीता जागता उदाहरण है कि सहरसा और कटिहार  में रहे जिला अधिकारी ने चंद्र रुपयो की लालच में जमकर हथियार के लाइसेंस बांटे। इस मामले को लेकर सहरसा के तत्कालीन जिला अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। अब भागलपुर में दबंग और दागदर छवि के लोगों को पासपोर्ट दिए जाने के मामले की जांच शुरू हो गई है। इस मामले में पासपोर्ट आवेदन की जांच करने वाले पुलिस पदाधिकारी की गर्दन किसी भी समय फंस सकती है। एक सफेद कॉलर वाले माफिया पर भागलपुर के कोतवाली थाना में भी मामला दर्ज है और जी थाना क्षेत्र का वह रहने वाला है वहां भी आधे दर्जन मामले उसे पर दर्ज है तो उसे पासपोर्ट और हथियार का लाइसेंस कैसे निर्गत कर दिया गया जांच का बड़ा विषय है।

जानकारी के अनुसार यही गलती गया में भी पुलिस पदाधिकारी द्वारा की गई। गया में विवाद से नाता रखने वाले व्यक्ति को भी पासपोर्ट उपलब्ध करा दिया गया था। उसके एक मामले में सात बार पासपोर्ट रिनुअल होने का जिक्र किया गया है और गहराई से जाकर अनुसंधान करता को जांच करने का निर्देश भी दिया गया है। इस मामले में गया के एक वरिष्ठ पुलिस पदाधिकारी अभी जांच के दायरे में है।

लगभग 5 वर्ष पूर्व कटिहार के भी एक दम ने कुछ कर्मचारियों की मिली भगत से अपराधी छवि के लोगों को लाइसेंस उपलब्ध करा दिया था। इसमें कुछ वैसे भी लोग शामिल थे जिनका निवास स्थान कटिहार में नहीं था। गलत पता देकर उन लोगों ने लाइसेंस प्राप्त कर लिया था। जब इस मामले की जानकारी राज्य पुलिस मुख्यालय को हुई तो पुलिस मुख्यालय ने इस मामले की जांच शुरू कर दी। जांच शुरू होते ही जल्दीबाजी में कई दागदार लोगों का लाइसेंस रातों-रात रद्द किया गया।

इस मामले की जांच भी हुई लेकिन जांच रिपोर्ट पर राज्य सरकार के वरिष् अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। सहरसा के एसपी जब अरविंद पांडे थे तब वहां के डीएम ने कई दागदार छवि के लोगों को हथियार का लाइसेंस उपलब्ध करा दिया था। इस मामले की जानकारी जब तत्कालीन एसपी अरविंद पांडे को मिली तो उन्होंने इस लापरवाही को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज करवा दी। इस मामले में आरोप पत्र समर्पित किया जा चुका है और संबंधित पदाधिकारी अपने मुकदमे से बचने की तैयारी में जुटे हैं।

अब ताजा मामला पासपोर्ट को लेकर भागलपुर से जुड़ गया है। सारे नियम कानून को ताक पर रखकर पासपोर्ट देने की अनुशंसा की गयी। उसे व्यक्ति को पासपोर्ट भी निर्गत हो जाता है लेकिन फिर इसे एक बार वर्तमान थानेदार के द्वारा सत्यापन कर कर थाना में दिए गए सारी अभिलेखों का जिक्र सत्यापन में किया जाता है उसके बाद थानेदार के द्वारा बड़ी लापरवाही सत्यापन के समय देखी गई और दागदार माफिया के खिलाफ उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट दे दी जिसके कारण उसका पासपोर्ट अब कैंसिल हो गया है उसे व्यक्ति के खिलाफ अकेले जोगसर पुलिस थाने में सबसे अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं।

इतना ही नहीं उसे परिवार के अन्य लोगों को भी अपराधिक इतिहास छुपा कर पासपोर्ट देने की अनुशंसा की गई है। जब इस मामले की जानकारी पटना में बैठे आल्हा पुलिस अधिकारियों को मिली तो वह भी हैरान रह गए। इस मामले में भागलपुर पुलिस से जांच पड़ताल कर रिपोर्ट मांगी गई है। एक पूर्व आईपीएस अधिकारी ने बताया कि यदि जांच रिपोर्ट में खामी पाई गई तो व्यापारी के साथ-साथ पुलिस पदाधिकारी भी नाप दिए जाएंगे।

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