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जी 20 की बैठक में जिनपिंग से मामला उठाने का आग्रह

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटीः अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने फिर से चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि आज का भारत वह नहीं है। अरुणाचल प्रदेश के विधायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान शी जिनपिंग के साथ मानचित्र का मुद्दा उठाने का आग्रह किया है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें नियंत्रण रेखा और वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा करने में भारतीय सेना की बुद्धिमत्ता और शक्ति पर पूरा भरोसा है और मानचित्र जारी करना भारत की संप्रभुता और अखंडता पर हमला है। भारत ने बार-बार कहा है कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा देश का अभिन्न हिस्सा रहेगा। तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश को चीनी क्षेत्र के रूप में दिखाने वाला नक्शा पार्टी के खोखले राष्ट्रवाद को उजागर करता है।

भारत ने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन को चीन के मानचित्र में दिखाए जाने के संबंध में पड़ोसी देश के दावों को आधारहीन करार दिया। चीन के दावे को सिरे से खारिज करते हुए भारत ने कहा कि चीनी पक्ष के ऐसे कदम सीमा से जुड़े विषय को केवल जटिल ही बनाएंगे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीन के तथाकथित मानक मानचित्र के 2023 के संस्करण के बारे में अपने बयान में कहा, हमने चीन के तथाकथित मानक मानचित्र के 2023 के संस्करण पर राजनयिक माध्यमों के जरिए आज कड़ा विरोध दर्ज कराया है, जो भारतीय क्षेत्र पर दावा करता है।चीन ने  अपने ‘मानक मानचित्र’ का 2023 का संस्करण आधिकारिक तौर पर जारी किया, जिसमें उसने अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन, ताइवान, दक्षिण चीन सागर और कई विवादित क्षेत्रों को शामिल किया है।

हालांकि, भारत ने बार-बार कहा है कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा देश का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा।वहीं, भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में जून 2020 में हुई झड़प के बाद दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हैं। दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कुछ स्थानों पर तीन साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है। दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। भारत लगातार कहता रहा है कि समग्र संबंधों को सामान्य बनाने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों पर शांति महत्वपूर्ण है।उसके बाद अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने आज कहा कि हम भारतीय थे और अब भी हैं।

उन्होंने दोहराया कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा देश का अभिन्न अंग रहेगा।चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए खांडू ने कहा कि आज का भारत 1962 जैसा नहीं है बल्कि वह देश है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का है। खांडू ने यह भी कहा कि यह शायद पहली बार है जब कोई भारतीय सेना चीनी सीमा के इतने करीब आई है।खांडू ने कहा कि आज चीन का बौखलाहट फिर सामने आ गया है। हमने इसका विरोध किया क्योंकि चीन ने नए नक्शे में अरुणाचल प्रदेश को अपखांडू की टिप्पणी इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि कुछ दिन पहले बीजिंग ने अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों के लिए चीनी नामों की घोषणा की थी, जिसे पड़ोसी देश तिब्बत का दक्षिणी हिस्सा होने का दावा करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार पूर्वोत्तर खासकर अरुणाचल प्रदेश के सर्वांगीण विकास का पूरे दिल से समर्थन कर रही है।गौरतलब है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 के दौरान सड़क संपर्क के लिए विशेष रूप से 2500 करोड़ रुपये सहित 4800 करोड़ रुपये के केंद्रीय योगदान के साथ ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ (वीवीपी) को मंजूरी दी है।

तृणमूल कांग्रेस की नेता सुष्मिता देव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तंज कसते हुए आरोप लगाया है कि हाल ही में प्रदर्शित एक मानक मानचित्र, जिसमें अरुणाचल प्रदेश को चीन के हिस्से के रूप में दिखाया गया है, स्पष्ट रूप से राष्ट्रवाद की खोखली और खोखली बयानबाजी को उजागर करता है, जिसे भाजपा चुनावों से पहले लगातार इस्तेमाल करती है। देव की आलोचना चीन के नक्शे के मद्देनजर आई है जिसमें अरुणाचल प्रदेश को चीन के हिस्से के रूप में दिखाया गया है। इस घटना ने विपक्षी दलों को चारा प्रदान किया है, जो लंबे समय से भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए राष्ट्रवादी भावनाओं का दोहन करने का आरोप लगाते रहे हैं।

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