ओकाबांगोः घने जंगल के बीच ही व्यस्त मार्ग भी है। लगातार चलाये गये जागरुकता अभियान का असर अब यह है कि इस इलाके से पार करते वक्त स्थानीय निवासी हमेशा इस बात का ध्यान रखते हैं कि उनकी वजह से हाथियों के आने जाने में कोई दिक्कत नहीं है। दरअसल एक बार अपने मार्ग से भटक जाने के बाद हाथी अथवा उसका दल बहुत दूर तक चला जाता है। पारंपरिक तौर पर आने जाने के रास्ते में यह हाथी अपने बड़े, गद्देदार पैरों के साथ, उल्लेखनीय रूप से शांत हो सकते हैं।
उत्तरी बोत्सवाना में ओकावांगो डेल्टा के शीर्ष पर हैं, एक हाथी गलियारे की इसी तरीके से रक्षा की जा रही है। हाथियों द्वारा अपने दैनिक आवागमन में एक तरफ अपने भोजन के मैदान और दूसरी तरफ पानी के बीच अपनाए जाने वाले नियमित मार्गों में से एक। वहां मौजूद गाइड के साथ गया दल पहले तो कुछ समझ नहीं पाता लेकिन बाद में धीमी गड़गड़ाहट की आवाजें सुनाई पड़ती है। अचानक एक विशाल सिर के हिस्सों को झाड़ियों के माध्यम से मौजूद इंसानों की तरफ ही झांकता हुआ पाया जाता है। गाइड मोजिता बताता हैं, वे हमें सूंघ सकते हैं, वे सावधान हैं और हमारे चारों ओर घूम रहे हैं।
इसके बीच ही लगभग 100 मीटर दूर, सभी आकार के दर्जनों हाथी छिपकर सड़क पार करते हुए दूसरी ओर झाड़ियों में घुस गए। अगले कुछ मिनटों के लिए, एक पूरा झुंड पार हो जाता है, कुछ अपने कान फड़फड़ाते हैं और तुरही बजाते हैं। मोजिता बताता हैं, वे एक-दूसरे को और हमें दूर रहने की चेतावनी दे रहे हैं। मोजिता के मुताबिक जब वे नदी की ओर जाते हैं तो जिस गति से वे आगे बढ़ते हैं, आप बता सकते हैं कि वे नहीं चाहते परेशान हों। वे प्यासे हैं और बस जाकर थोड़ा पानी पीने की जरूरत है। यह बहुत खतरनाक हो सकता है। जिस गति से वे जा रहे हैं, उन्हें यह भी नहीं दिखता कि क्या हो रहा है, वे बस सीधे चले जाते हैं।
अगले सवा घंटे में लगभग 150 हाथी सड़क पार करते हैं। अंतिम दो धीमी गति से चलने वाली हैं, एक माँ अपने एक सप्ताह के बच्चे के साथ। दरअसल स्थानीय लोगों ने हाथियों के जीवन में दखल नहीं देने की आदत से सह अस्तित्व की भावना को मजबूत किया है। इससे हादसे भी नहीं होते हैं।