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गुंडा बैंक के आगे ढेर सारे नतमस्तक

  • मंत्रियों से जान पहचान का उठा रहे है फायदा

  • लोगों को सेवा के बदले मिलता है सोने का सिक्का

  • दो पर निगरानी रखने से मिलेगी अहम जानकारी

दीपक नौरंगी

भागलपुर : सोने के सिक्का की खनक के आगे सब कुछ ठंडा पड़ जाता है। इसी खनक के कारण गुंडा बैंक से जुड़े वर्मा जी की शहर में तूती बोलने लगी। वर्मा जी और संथालिया, दोनों ने शहर में यह अफवाह फैला दी कि दोनों एक दूसरे विरोधी है लेकिन पर्दे के पीछे की सच्चाई और है। दोनों एक दूसरे से गुप्त स्थान पर मुलाकात कर अपने सारे कार्य कर रहे हैं।

दोनों की दोस्ती सबसे करीब आने की वजह है सिलीगुड़ी की चालसा जगह में एक गेस्ट हाउस में जाकर भारी मिठाई का खूब आनंद लिए है। इसलिए शहर में उनके बहुत करीबी मित्रों के बीच अलग-अलग तरह की मिठाइयों की चर्चा होती रहती है। फिलहाल एक भक्त मंडल जो बाबा पूजा करने के लिए जाते हैं जिसमें करीब 70 सदस्य मेंबर होंगे।

भागलपुर के शहरी क्षेत्र के व्यापारियों में यह चर्चा होने लगी संथालिया जी ने बड़ा उपकार का काम किया है। भक्त मंडल के संस्थापक का कहना है कि सभी सदस्यों ने मिलकर भक्त मंडल का पूरा खर्चा उठाया है उसमें संथालिया जी का कहीं से भी एक रुपया नहीं लगा है। वर्मा जी वर्दीधारियों व प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से शहर में गरीब के जमीनों पर भी कब्जा जमाने लगे। इसका जीता जागता उदाहरण है वैसे लोग करीब एक सौ एक बार वर्षों से किराया देकर मकान मालिक से किराए की रसीद लिए हुए हैं। वर्मा जी वैसे किराएदार को बेघर कर रहे हैं।

कुछ दिन पहले सोना पट्टी में तीन भाइयों को घर से बेघर करने वाले वर्मा जी के खिलाफ कुछ लोग इस मामले में सीनियर एसपी से मिले हैं और तीन पन्ने का आवेदन सीनियर एसपी आनंद कुमार को दिया था। एसपी ने उसकी जांच के लिए थाना एसएचओ को लिख दिया है। वर्मा जी का प्रभाव शहर के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों में भी देखा जा रहा है। वर्मा जी यह परिवार पर पूर्व में तस्करी और चोरी के सोने चाँदी के कारोबार का रहा है।

हाल में भी वर्मा जी ने सोनापट्टी इलाके एक दुकान को ध्वस्त करने के लिए उस पर एसिड डाल दिया। एसिड डालने के बाद मकान पूरी तरह क क्षतिग्रस्त हो गया। जब दुकानदार सीधे कोतवाली थाना पहुंचते हैं। बहुत प्रकार की वीडियो फुटेज और हंगामा होने के बाद किसी तरह कोतवाली थाना पूरे मामले में एफआईआर दर्ज करता है।

वर्मा जी ने उस दुकानदार से एग्रीमेंट में समझौता कर लिया। यदि सच्चाई पर भरोसा करें तो अरबों रुपए की सोना पट्टी में जो जमीन ली है उसके दो भाई और एक बहन है दो भाइयों से तो एग्रीमेंट करा लिया है लेकिन एक बहन हो बंटवारे की जमीन का हिस्सा नहीं मिला है। वह बहन इस मामले में कानून का सहारा ले सकती है। कोतवाली थाना और जोगसर ओपी के साथ तिलकामांझी थाना क्षेत्र जगदीशपुर थाना क्षेत्र सहित भागलपुर में शहरी क्षेत्र में विवादित जमीन खरीद बिक्री का एक बड़ा कारोबार कर रहा है।

गुंडा बैंक से जुड़े अन्य लोग शहर में दिन भर घूमते है। वे घूम घूम कर पता लगाते है कि कहा सम्पत्ति को लेकर पारिवारिक विवाद चल रहा है। एक पक्ष को मिलाकर वर्मा जी सम्पत्ति को अपने नाम करवा लेते है। फिर इनके समर्थको द्वारा दूसरे पक्ष पर भी सम्पत्ति लिखने का दवाब बनाते। अगर दूसरे पक्ष मानने को राजी नही हुआ तो साम, दण्ड, भेद की नीति अपनाई जाती है। पर्दे की पीछे की सच्चाई पर भरोसा करें तो इसमें पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का भी सहयोग लिया जाता है।

बहरूपिया कहलाने वाले वर्मा जी अपनी चमक बनाये रखने के लिए एक विशेष दल का पदाधिकारी बने हुए है। इनका रिश्ता दल से कम और विधायक, मंत्री से ज्यादा रहता है। किसी को सोने की अंगूठी किसी को सोने का सिक्का भेज कर पहली ही मुलाकात में अपना मुरीद बना लेते है। सोने की चमक की वजह से वर्मा जी के जयकारे लगाने वालों की भी कमी नही है। वर्मा जी के कलंकित इतिहास की जांच यदि केंद्रीय जांच एजेंसी करे तो इनका सारा पोल खुल कर सामने आ जाएंगे।

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