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भारतवंशी लोग अब चावल भंडार कर रहे हैं

भारतीय फैसले का असर अमेरिका सहित पूरी दुनिया में

  • विमान यात्रियों के सामान में चावल भी

  • विदेश की दुकानों में लाइन लगने का वीडियो

  • भारत ने चावल के निर्यात पर का फैसला लिया

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों में रहने वाले भारतीय परिवार भारत के अलावा भी अपने इलाके की दुकानों से चावल खरीदकर इकट्ठा कर रहे हैं। भारत से जाने वाले एनआरआई भी अपने साथ सामान में सबसे अधिक चावल ही ले जा रहे हैं। दरअसल भारत द्वारा चावल के निर्यात पर रोक लगाये जाने के बाद मुख्य तौर पर दक्षिण भारतीय मूल के एनआरआई चावल अपने घरों में एकत्रित कर रहे हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक विदेशी शहरों के स्टोर से अनेक परिवारों ने दस से पंद्रह बैग तक चावल खरीद लिये हैं। सोशल मीडिया पर चलते वीडियो और फोटो में ऐसे अप्रवासी भारतीयों को चावल खरीदने के लिए किराने और विभागीय दुकानों के बाहर कतारबद्ध करते हुए दिखाते हैं, जबकि अन्य अलमारियों पर चढ़ते हैं और चावल के भारी बैग को खींचते हैं।

गैर-बासमाती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के भारत के फैसले ने अमेरिका में एनआरआई (गैर-आवासीय भारतीयों) के बीच ऐसा माहौल बना दिया है। दरअसल अनेक ऐसे लोगों को मुख्य भोजन चावल ही है। भारत में 40 प्रतिशत से अधिक विश्व चावल के निर्यात होते हैं, और शिपमेंट में कटौती से अमेरिका में भोजन की कीमतें बढ़ सकती हैं।

वीडियो और फ़ोटो में लोगों को डिपार्टमेंटल स्टोरों के बाहर कतारबद्ध करते हुए दिखाते हैं, जबकि अन्य अलमारियों पर चढ़ते हैं और चावल के भारी बैग को खींचते हैं। वीडियो ने केवल चावल के कई बैग खरीदने वाले दुकानों पर ग्राहकों को दिखाया। चावल को जमा करने और इसे ऑनलाइन मंचों में बहुत अधिक कीमत के लिए बेचने की आशंका भी है।

गुरुवार को, खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि गैर-बैसमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करेगा और घरेलू बाजार में कीमतों में वृद्धि को भी रोकेगा। इसने 12 महीनों में खुदरा कीमतों में 11.5 प्रतिशत की वृद्धि का हवाला दिया और यह कि वैश्विक मांग ने दूसरी तिमाही में साल-दर-साल 35 प्रतिशत 35 प्रतिशत की नॉन-बासमती सफेद चावल के निर्यात में उछाल आने के बाद फैसला लिया गया।

सरकार द्वारा टूटे हुए चावल के शिपमेंट पर प्रतिबंध लगाने और सितंबर में सफेद चावल पर 20 प्रतिशत निर्यात कर लगाने के बाद भी वृद्धि हुई। हालांकि अमेरिका में घबराहट की खरीद और होर्डिंग बंद हो गई है, प्रतिबंध से प्रभावित होने वाले देशों में अफ्रीकी राष्ट्र, तुर्की, सीरिया और पाकिस्तान शामिल हैं। ये राष्ट्र पहले से ही उच्च खाद्य-मूल्य मुद्रास्फीति से जूझ रहे हैं।

भारत ने पिछले साल 10.3 मिलियन टन ऐसे चावल का निर्यात किया। अमेरिका से मिली जानकारी के मुताबिक टेक्सास, मिशिगन और न्यू जर्सी के प्रमुख शहरों में कई किराने की दुकानों में लोगों के साथ भीड़ है, खासकर तमिल समुदाय से। रिपोर्ट के अनुसार, 9 किलोग्राम चावल का एक बैग 27 डॉलर कीमत पर बेचा जाता है। दुकानों ने चावल खरीदने वाले ग्राहकों के लिए कुछ शर्तें रखी हैं जैसे कि प्रति ग्राहक एक चावल बैग बेचा जाएगा। इधर भारत से जाने वाले एनआरआई भी अपने साथ जितना हो सके उतना चावल अपने साथ ही ले जा रहे हैं।

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