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अडाणी को भारतीय रेलवे पर एकाधिकार देने का मामला खुला

रेलवे टिकट बेचने के कारोबार में आ रही है कंपनी

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः रेलवे टिकट ऑनलाइन बेचने के लिए आईआरसीटीसी का भारत में एकाधिकार है। हालांकि, 32 सहयोगी भी आईआरसीटीसी के साथ बिजनेस-टू-कस्टमर मॉडल पर काम करते हैं। उन्हीं में से एक है ट्रेनमैन और उस प्लेटफॉर्म को अडाणी ने खरीद लिया है। कांग्रेस ने इसे लेकर विस्फोटक दावा किया है।

आईआरसीटीसी ने इसका जवाब दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अडाणी ग्रुप बहुत जल्द रेलवे टिकटों की बिक्री शुरू करने जा रहा है। अदाणी ग्रुप ने बीते शुक्रवार को इस संबंध में एक अहम ऐलान किया। शेयर बाजार को कंपनी द्वारा एक सौदे की सूचना दी जाती है। अदानी के मुताबिक, अदानी ने स्टार्क इंटरप्राइजेज नाम की कंपनी के 100 फीसदी शेयर खरीद लिए हैं।

ध्यान दें कि यह स्टार्क एंटरप्राइज वास्तव में एक ऑनलाइन ट्रेन टिकट बेचने वाला प्लेटफॉर्म है। जिसे ट्रेनमैन’ के नाम से जाना जाता है। यह रिपोर्ट सामने आते ही कांग्रेस ने शिकायत कर दी। अडाणी धीरे-धीरे आईआरसीटीसी का अधिग्रहण करेगा। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने ट्वीट में लिखा, अडाणी पहले आईआरसीटीसी को टक्कर दे रहा है।

फिर वे आईआरसीटीसी को टेकओवर कर लेंगे। आईआरसीटीसी ने कांग्रेस नेता के ट्वीट का जवाब दिया। आईआरसीटीसी ने जयराम रमेश के ट्वीट को रीट्वीट कर जवाब दिया। आईआरसीटीसी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में लिखा है, ‘यह भ्रामक है। ट्रेनमैन बी2सी मॉडल में आईआरसीटीसी द्वारा अनुमोदित 32 कंपनियों में से एक है।

उस कंपनी के स्वामित्व में बदलाव का आईआरसीटीसी के कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सभी टिकट आईआरसीटीसी के जरिए बेचे जाएंगे। इससे आईआरसीटीसी को कोई खतरा नहीं है.’ बता दें कि अडाणी ने शेयर बाजार को जानकारी दी है कि अदानी ग्रुप के स्वामित्व वाली अदानी डिजिटल लैब्स प्राइवेट लिमिटेड ने स्टार्क एंटरप्राइजेज को 100 फीसदी खरीदने के लिए ‘शेयर परचेज एग्रीमेंट’ साइन किया है। फिर हंगामा शुरू हो गया।

ऑनलाइन रेल टिकटिंग कारोबार में अडाणी के प्रवेश को कई लोग ‘रेलवे के निजीकरण में एक कदम’ के रूप में देख रहे हैं। संयोग से ‘ट्रेनमैन’ ने अपना सफर 2011 में शुरू किया था। इस प्लेटफॉर्म के जरिए कोई भी ट्रेन टिकट बुक कर सकता है और चलती ट्रेनों का स्थान और समय जान सकता है। इसके अलावा इस प्लेटफॉर्म के जरिए पीएनआर स्टेटस भी चेक किया जा सकता है। इस प्लेटफॉर्म का मूल निर्माण आईआईटी रुड़की के स्नातक विनीता चिरानिया और करण कुमार ने किया था।

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