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आमरस बनाना यहां कुटीर उद्योग बन चुका है

  • अब पूरा गांव ही इस एक कारोबार में

  • इलाके में स्वादिष्ट आम की खेती अधिक

  • अब बिदेशों में भी डब्बाबंद मिलता है यह

राष्ट्रीय खबर

मालदाः अंग्रेजी बाजार प्रखंड के कटौली क्षेत्र का कल्याणपुर गांव। इस गांव में 60 से 70 परिवार रहते हैं। ये सभी आम रस बनाने के उद्योग से जुड़े हैं। इस इलाके में आम की बहुत अच्छी खेती है। इसलिए अधिक स्वादिष्ट आमों से यह आम रस बनाना भी लोकप्रिय हो चुका है। यहां बने आम रस अब पूरे देश में भेजे जाते हैं।

साथ ही यहां के आमरस की जानकारी रखने वाले विदेशों में रहने वाले अपने रिश्तेदारों को भी इसे भेजा करते हैं। जिसकी नतीजा है कि अब पश्चिमी देशों के कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मॉलों में भी दूसरी बड़ी कंपनी के नाम से यहां का तैयार आम रस भी आकर्षक डब्बों में बिकने लगा है।

मिली जानकारी के मुताबिक यहां के गोपालभोग, हिमसागर, लंगड़ा इन तीनों तरह के आमों के स्वाद में मूल रूप से बेजोड़ हैं। जी हाँ, फिर आमों को छीलकर पानी में लगभग पन्द्रह मिनिट तक भिगोकर रखने के बाद उन्हें किसी जाली में निचोड़ कर चिपका देना आवश्यक है। फिर आम के पेस्ट को एक-एक करके लेप करके धूप में सुखाया जाता है।

इस प्रकार सात दिनों तक धूप में सुखाने के बाद काटकर बनाया गया आमसत्व बाजार में बेचा जाता है।मालदा में मैंगोसैट का बाजार मूल्य 1400 से 1600 प्रति किलो है। मालदा आम न केवल इस राज्य में जाता है बल्कि अन्य राज्यों और यहां तक ​​कि बांग्लादेश में भी जाता है।

हालांकि, आम के किसानों का एक अफसोस यह है कि उन्हें सरकार से कोई मदद नहीं मिलती है। उनके अनुसार, अगर एक हब स्थापित किया गया मालदा में उन्हें आम के अच्छे दाम मिल जाते।।।इस आमसत्व को दूध में कुछ देर भिगोकर रोटी के साथ खाने से ही स्वाद अलग हो जाता है।हर तरह के आम का स्वाद लेने के लिए, आपको मालदा आकर ताजा आमरस खाना होगा।

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