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नईदिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक की बाजार से 500 रुपये के नोट वापस लेने की कोई योजना नहीं है। इतना ही नहीं, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी 1000 रुपये के नए नोट पेश किए जाने की अटकलों को खारिज कर दिया। यह स्पष्टीकरण तब आया है जबकि इस बारे में सोशल मीडिया पर तरह तरह की सूचनाएं प्रसारित हो रही थी।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरबीआई गवर्नर ने कहा, 500 रुपये के नोट वापस नहीं लिए जा रहे हैं. यहां तक कि 1000 रुपए के नोट भी वापस नहीं लाए जा रहे हैं। जनता से अनुरोध है कि किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें। हाल ही में आरबीआई ने बाजार से 2000 रुपए के नोट वापस लेने का एलान किया है।
आरबीआई ने घोषणा की है कि बैंक 30 सितंबर तक 2,000 रुपए के नोट बदल सकेंगे। 2000 रुपये के नोट को लेकर इस घोषणा के बाद कयासों का दौर शुरू हो गया जिसके बाद रिजर्व बैंक 500 रुपये के नोट भी बाजार से वापस ले लेगा। दो हजार के नोट बाजार से वापस लेने के पहले ही यह बात सामने आ चुकी थी कि इस श्रेणी के अधिकांश नोट नियमित प्रचलन से बाहर हो चुके हैं। इसका अर्थ यह भी था कि इन दो हजार के नोटों को एकत्रित किया गया है।
वैसे जब यह नोट प्रचलन में लाये जा रहे थे तब भी कई किस्म की चर्चाएं बाजार में आयी थी। इनकी वजह से दो प्रमुख समाचार एंकरों की आज तक फजीहत हो रही है, जिन्होंने इस दो हजार के नोट में माइक्रोचिप होने की बात का प्रसारण किया था। लोग अब भी मौका पाते ही चिप के सवाल पर उन्हें घेर लेते हैं।
दूसरी तरफ यहां तक कि कयास भी लगने लगे हैं कि 1000 रुपए के नोट फिर से बाजार में लाए जाएंगे। 2000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण की घोषणा के बीच, इन दो मुद्दों के बारे में लोगों के बीच मजबूत अटकलों के कारण आरबीआई को खुद ही मैदान में उतरना पड़ा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को लेकर चल रही अटकलों को पूरी तरह से खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि बाजार में मौजूद 2,000 रुपये के नोटों में से 50 प्रतिशत रिजर्व बैंक के हाथ में आ चुका है. बैंक को मिले 2000 रुपये के नोटों की कीमत 1 लाख 82 हजार करोड़ रुपये है। इसमें से 85 फीसदी रकम बैंक डिपॉजिट से आई है।