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सुबह तक 144 से अधिक अधिक हथियार सौंपे गये

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की चेतावनी का दिखने लगा अब

  • पूर्वोत्तर में बड़ी संख्या में उग्रवादियों का आत्मसमर्पण

  • सौंपे गये हथियारों में आधुनिक अस्त्र भी शामिल

  • असम के बोकाजान में 39 ने हथियार डाले

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के चेतावनी के बाद आज असम और मणिपुर सहित पूर्वोत्तर के बड़ी संख्या में उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है।केंद्रीय गृह मंत्री की अपील के बाद मणिपुर में हथियारों और गोला-बारूद के आत्मसमर्पण में तेजी आई है। राज्य के कई जिलों में कुल 144 हथियार स्वेच्छा से आत्मसमर्पण किए गए हैं, जो शांति और निरस्त्रीकरण के आह्वान पर सकारात्मक प्रतिक्रिया को दर्शाते हैं।

आत्मसमर्पण किए गए हथियारों में परिष्कृत आग्नेयास्त्रों की एक श्रृंखला शामिल है। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अमित शाह ने मणिपुर के अपने चार दिवसीय दौरे के आखिरी दिन गुरुवार को सभी संबंधितों पक्षों से अपील की थी कि वे अपने हथियार सुरक्षाबलों और प्रशासन को सौंप दें।

शाह ने यह भी चेतावनी दी थी कि राज्य में जल्द ही तलाशी अभियान चलाया जाएगा और किसी के पास कोई हथियार पाए जाने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।सूत्रों ने बताया कि इंफाल में गृह मंत्री की अपील के बाद शुक्रवार सुबह तक 140 से अधिक हथियार सौंपे जा चुके हैं।

सूत्रों के मुताबिक मणिपुर में ज्यादातर जिलों में स्थिति कुल मिलाकर शांतिपूर्ण है और उपद्रवियों द्वारा खाली घरों में गोलियां चलाने या आग लगाने की छिटपुट घटनाएं अब दुर्लभ होती जा रही हैं क्योंकि विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों द्वारा ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं। सौंपे गए हथियारों में सेल्फ-लोडिंग राइफलें, कार्बाइन, एके और इंसास राइफलें, लाइट मशीन गन, पिस्तौल, एम-16 राइफल, स्मोक गन/आंसू गैस, स्टेन गन और ग्रेनेड लॉन्चर शामिल हैं।

तीन मई को मणिपुर में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद गृह मंत्री ने पहली बार पूर्वोत्तर राज्य का दौरा किया है। मणिपुर में ‘जनजातीय एकता मार्च’ के बाद जातीय हिंसा भड़क उठी थी। अनुसूचित जाति (एसटी) के दर्जे की मांग को लेकर मेइती समुदाय ने तीन मई को प्रदर्शन किया था जिसके बाद जनजातीय एकता मार्च का आयोजन किया गया था।

मणिपुर करीब एक महीने से जातीय हिंसा से प्रभावित है और राज्य में इस दौरान झड़पों में इजाफा देखा गया है। कुछ सप्ताह की खामोशी के बाद पिछले रविवार को सुरक्षा बलों एवं उग्रवादियों के बीच गोलीबारी भी हुई।अधिकारियों ने बताया कि संघर्ष में मरने वालों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है।

सूत्रों ने कहा कि शुक्रवार सुबह तक सामुदायिक हॉल सहित 272 राहत शिविरों में करीब 37,450 लोग रह रहे हैं।हालांकि, इस साल की शुरुआत में राज्य सरकार द्वारा कुछ समझौतों को एकतरफा वापस लेने से स्थिति जटिल हो गई है, जिससे व्यापक निरस्त्रीकरण प्रयास की आवश्यकता है।दूसरी ओर, असम में आदिदासी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (एपीएलए) के 39 सक्रिय कैडरों ने 2 जून, 2023 को असम राइफल्स और असम के बोकाजन पुलिस स्टेशन के सामने अपने हथियार डाले।

उग्रवाद का रास्ता अपनाने वाले गुमराह युवाओं को मुख्यधारा में लाने की अपनी अटूट प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में, असम राइफल्स (उत्तर) और असम पुलिस के महानिरीक्षक के तत्वावधान में असम राइफल्स के साथ स्पीयर कोर के सुरक्षा बलों ने इन व्यक्तियों की शांति और समृद्धि के जीवन में वापसी को प्रोत्साहित करने की दिशा में लगातार काम किया है।

आज के सफल ऑपरेशन, जिसका कोडनेम समर्पण था, में 31 हथियारों का आत्मसमर्पण देखा गया, जिसमें 3 एके श्रृंखला राइफल्स, 19 पिस्तौल, 5 अन्य राइफलें, 2 ग्रेनेड और विभिन्न जीवित गोला-बारूद शामिल थे। यह महत्वपूर्ण कदम उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ को चिह्नित करता है क्योंकि वे सद्भाव का मार्ग चुनते हैं और अपने समुदायों की भलाई में योगदान करते हैं।

असम राइफल्स इस साहसिक निर्णय को लेने वाले बहादुर युवाओं की हार्दिक सराहना करती है। वे उन लोगों के लिए महत्व पर जोर देते हैं जो सही रास्ते से भटक गए हैं और मुख्यधारा में फिर से शामिल हो गए हैं, एक खुशहाल और अधिक शांतिपूर्ण अस्तित्व को गले लगाते हैं।आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों के परिवारों ने अपने प्रियजनों की सुरक्षित वापसी की सुविधा के लिए सुरक्षा बलों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की।

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